वेस्टइंडीज के दिग्गज ऑलराउंडर बर्नार्ड जूलियन का शनिवार (5 अक्टूबर) को 75 वर्ष की आयु में नॉर्थ त्रिनिदाद के वाल्सेन कस्बे में निधन हो गया। वह 1975 की वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा थे। उन्होंने 24 टेस्ट और 12 एकदिवसीय मैचों में वेस्टइंडीज का प्रतिनिधित्व किया था। 50 साल पहले प्रथम वनडे विश्व कप में जूलियन ने ग्रुप स्टेज में श्रीलंका के खिलाफ 20 रन देकर 4 विकेट लिए थे।
इसके बाद जूलियन ने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 27 रन देकर 4 विकेट लिए थे। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 37 गेंदों पर 26 रन की महत्वपूर्ण पारी भी खेली थी। इस टूर्नामेंट में उन्होंने एक आक्रामक ऑलराउंडर की ख्याति प्राप्त की। वह बाएं हाथ से सीम गेंदबाजी करके थे। वह स्ट्रोकप्ले और जानदार फील्डिंग के लिए भी जाने जाते थे।
क्लाइव लॉयड क्या बोले
वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान क्लाइव लॉयड ने जूलियन को 1975 की चैंपियन टीम का एक अहम सदस्य बताया। त्रिनिदाद और टोबैगो गार्जियन ने लॉयड के हवाले से लिखा, “उन्होंने हमेशा अपना 100 प्रतिशत से ज्यादा दिया। उन्होंने कभी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ा और मैं हमेशा बल्ले और गेंद दोनों से उन पर भरोसा कर सकता था। उन्होंने हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। वह काफी बेहतरीन क्रिकेटर थे।”
जूलियन का हर जगह होता था सम्मान
लॉयड ने कहा, “हम सभी उनका पूरा सम्मान करते थे। आस-पास के सभी लोग उन्हें प्यार करते थे। मुझे याद है कि हमने लॉर्ड्स में टेस्ट मैच जीता था और वहां खड़े होकर काफी देर तक ऑटोग्राफ देते रहे थे। वह जहां भी जाते थे उनका बहुत सम्मान होता था।”
रंगभेद युग के दौरान दक्षिण अफ्रीका का दौरा करने के कारण करियर खत्म
जूलियन ने लॉर्ड्स में अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था। 1973 में इंग्लैंड के खिलाफ मैच जिताऊ 121 रन की पारी खेली। अगले साल उन्होंने इस ऐतिहासिक मैदान पर पांच विकेट लिए। जूलियन ने 1970 से 1977 के बीच केंट के लिए भी खेला, लेकिन उनका करियर तब खत्म गया जब वे 1982-83 में रंगभेद युग के दौरान दक्षिण अफ्रीका का दौरा करने वाली बागी वेस्टइंडीज टीम में शामिल हो गए।