सरफराज खान ने 26 साल की उम्र में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू किया और राजकोट में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ भारत के लिए पहला इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका मिला। सरफराज खान को घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतर प्रदर्शन करने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के बीच में भारतीय टीम में शामिल किया गया और तीसरे टेस्ट में उन्हें पदार्पण करने का मौका भी मिल गया। सरफराज खान का क्रिकेट करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है और एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें मुंबई की टीम से बाहर कर दिया गया था और दो साल के लिए उनकी मैच फीस भी रोक दी गई थी।

रोक दी गई थी सरफराज खान की मैच फीस

यह घटना है साल 2015 की जब सरफराज खान मुंबई के लिए खेल रहे थे। इस साल अंडर-19 चैंपियनशिप सेमीफाइनल में उन्होंने मुंबई की टीम को जीत दिलाई और फिर चयनकर्ताओं की तरफ कुछ आपत्तिजनक इशारे किए थे। इसका नतीजा यह हुआ था कि उन्हें और सूर्यकुमार यादव दोनों को टीम से बाहर कर दिया गया साथ ही वह आगे से अच्छा बर्ताव करें इस बात के आश्वासन के रूप में उनकी दो साल की मैच फीस तक रोक दी गई थी।

सरफराज खान ने खेली 62 रन की पारी

सरफराज खान ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच की पहली पारी में काफी तेज गति से बल्लेबाजी की और अपना अर्धशतक सिर्फ 48 गेंदों पर ही पूरा कर लिया। इंग्लैंड के खिलाफ वह काफी लय में बल्लेबाजी कर रहे थे और बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन वह रविंद्र जडेजा के एक गलत कॉल पर रन लेने के प्रयास में रन आउट हो गए और उनकी पारी का अंत हो गया। उन्होंने इंग्लिश टीम के खिलाफ इस मैच में 66 गेंदों पर एक छक्का और 9 चौकों की मदद से 62 रन की शानदार पारी खेली।