भारत के पूर्व क्रिकेटर व अब कमेंटेटर वंगिपुरप्पु वेंकटा साई (वीवीएस) लक्ष्मण ने ‘281 and Beyond’ से आत्‍मकथा लिखी है। यह किताब 19 नवंबर से उपलब्‍ध होगी। इसमें उन्‍होंने अपने क्रिकेट करिअर के कई रोचक किस्‍सों और वाकयों का जिक्र किया है। लक्ष्‍मण ने लिखा है कि कैसे नागपुर में पहली बार टेस्‍ट टीम की कप्‍तानी कर रहे महेंद्र सिंह धोनी ने टीम बस चलाई थी। धोनी की हर परिस्थिति में समान भाव रहने की काबिलियत को लक्ष्‍मण ने खूब सराहा है। किताब के कुछ अंश टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित हुए हैं। इसके अनुसार, तब नागपुर में अपना 100वां टेस्‍ट मैच खेल रहे लक्ष्‍मण धोनी को टीम बस चलाते देख दंग रह गए थे।

लक्ष्‍मण ने लिखा है, ”नागपुर में टीम बस को चलाकर होटल ले जाते एमएस (धोनी) मुझे अच्‍छी तरह से याद हैं। मुझे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था- टीम का कप्‍तान खुद बस चलाते हुए हमें ग्राउंड से वापस ले जा रहा है! अनिल (कुंबले) के रिटायरमेंट के बाद बतौर कप्‍तान यह उसका (धोनी) पहला टेस्‍ट था और उसे दुनिया में किसी बात की परवाह ही नहीं थी। मगर वह ऐसे ही थे, चंचल और जमीन से जुड़े हुए।”

प्रकाशित अंश के अनुसार, इंग्‍लैंड में 4-0 से सीरीज हारने के बावजूद धोनी के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया। बकौल लक्ष्‍मण, ”2011 में इंग्‍लैंड दौरे से पहले धोनी ने असफलता नहीं देखी थी। हम वहां 4-0 से हारे और उसी साल ऑस्‍ट्रेलिया में शुरुआती तीन टेस्‍ट गंवा चुके थे तथा एक और व्‍हाइटवॉश की ओर अग्रसर थे। मेरी तरह टीम के कई खिलाड़ी हताश थे, लेकिन एमएस आश्‍चर्यजनक रूप से शांत था। एक बार भी वह नहीं चिल्‍लाया और किसी भी समय उसने यह एहसास नहीं होने दिया कि वह निराश है। मेरा सिर ठिकाने पर था मगर एमएस अलग ही लेवल पर था, उसने मुझसे कहा, ”लक्षी भाई, दुखी और उदास रहने का क्‍या फायदा है? इससे आपकी परफॉर्मेंस को और नुकसान ही होगा।”

धोनी की तारीफ करते हुए लक्ष्‍मण ने लिखा है कि वह उनके जैसे किसी दूसरे शख्‍स से नहीं मिले। लक्ष्‍मण के अनुसार, ‘जब वह टीम नए-नए आए थे तो उनका (धोनी) कमरा सबके लिए खुला रहता था। यहां तक कि जब मैं अपना आखिरी टेस्‍ट खेल रहा था और वह भारत के सफलतम कप्‍तानों में से एक थे, तब भी वह तब तक दरवाजा बंद नहीं करते थे जब तक उन्‍हें सोना नहीं होता था।’

लक्ष्‍मण ने जब संन्‍यास लिया था तो मीडिया में खबरें थीं कि धोनी से उनकी बन नहीं रही। वीवीएस ने इसके पीछे की वजह भी बताई है। उन्‍होंने लिखा है, ”जब मैंने मीडिया को रिटायरमेंट के फैसले के बारे में बताया तो सवाल उठा कि ‘क्‍या आपने टीम के साथियों को बताया है?’ हां। ‘क्‍या आपने धोनी से बात की है, उन्‍होंने क्‍या कहा?’ मैंने मजाक में जवाब दिया, ‘सब जानते हैं कि धोनी तक पहुंचना कितना मुश्किल है।’ मुझे नहीं पता था कि यह मेरे क्रिकेट करिअर का पहला और इकलौता विवाद बन जाएगा।”

वीवीएस के अनुसार, ”मैंने मीडिया को चारा दे दिया था जो अटकलें लगाने लगा कि एमएस और मेरे बीच मतभेदों के चलते मैं संन्‍यास ले रहा हूं। यह उस समय मजाक की बात नहीं थीं। मैंने टेस्‍ट खत्‍म होने का इंतजार किया और सबका शुक्रिया अदा करने होटल गया। तब मैं एमएस से मिला, उसने मुझे देखा और ठहाके लगाने लगा। बोला, ‘लक्षी भाई, आपको इन विवादों की आदत नहीं है, लेकिन मुझे है। इसे दिल से मत लगाइए। मैं उसकी परिपक्‍वता, उसकी सादगी देख फिर हैरान था।”