भारतीय क्रिकेट टीम के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज इशान किशन को घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलने की वजह से बीसीसीआई ने सालाना अनुबंध से बाहर कर दिया। इसे लेकर खूब चर्चा की जा रही है और अब भारत के पूर्व कप्तान व बोर्ड अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि बीसीसीआई सचिव जय शाह और अध्यक्ष रोजर बिन्नी को उनसे बात करने की जरूरत है।
बोर्ड ने ना सिर्फ इशान को बल्कि श्रेयस अय्यर को भी अनुबंध का हिस्सा नहीं बनाया था, लेकिन श्रेयस ने अब घरेलू क्रिकेट में वापसी कर ली है और वह इस रणजी सीजन में मुंबई के लिए इस वक्त सेमीफाइनल मुकाबला तमिलनाडु के खिलाफ खेल रहे हैं। वैसे पिछली बार श्रेयस बी ग्रेड में थे जबकि इशान को सी ग्रेड में रखा गया था।
इशान किशन से बात करने की जरूरत
सौरव गांगुली ने टीओआई से बात करते हुए कहा कि जय शाह, बिन्नी और चयनकर्ताओं को किशन से बात करने की जरूरत है, साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईशांत शर्मा जैसे अनुभवी खिलाड़ी ने भी रणजी ट्रॉफी क्रिकेट खेला है। इशान किशन ने आखिरी बार भारत के लिए नवंबर 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के दौरान खेला था।
गांगुली ने कहा कि इस मामले को संजीदा तरीके से निपटने की जरूरत है और इशान के साथ अब उन्हें बात करनी चाहिए। दिल्ली कैपिटल्स में चुने गए सभी खिलाड़ियों ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी खेली है। यहां तक कि इशांत शर्मा ने भी रणजी खेला है।
बल्लेबाजों को कार्यभार प्रबंधन की जरूरत नहीं
गांगुली ने कहा कि इशान किशन लाल गेंद और सफेद गेंद दोनों खेल सकते हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट के साथ-साथ वह आईपीएल में भी हिस्सा ले सकते हैं क्योंकि वह टकराते नहीं है। अब प्रथम श्रेणी क्रिकेट खत्म हो गया है और फिर आईपीएल शुरू होने में लगभग एक महीना बचा है। ऐसे में मुझे कोई समस्या नहीं दिखती है क्योंकि बहुत सारे टॉप प्लेयर भी टेस्ट क्रिकेट और सफेद गेंद क्रिकेट खेलते हैं।
कार्यभार प्रबंधन के बारे में बोलते हुए गांगुली ने कहा कि केवल तेज गेंदबाजों को ही अपने कार्यभार को प्रबंधित करने की आवश्यकता है, बल्लेबाजों को कार्यभार प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है? मैं समझ सकता हूं कि बुमराह को आराम दिया गया, जिमी एंडरसन ने 160 से अधिक टेस्ट खेले हैं। आप अपने करियर की शुरुआत में किस कार्यभार के बारे में बात कर रहे हैं? मैं अब भी इस बात पर कायम हूं कि भारतीय क्रिकेट का स्तर शानदार है।