रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया विवादों में घिरी हुई है। खेल मंत्रालय ने बीते दिनों नवनिर्वाचित डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था। संघ के कामकाज की देखरेख के लिए तदर्थ समिति (Ad-Hoc Committee) बनाई। इस बीच डब्ल्यूएफआई के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह खेल मंत्रालय से दो-दो हाथ के मूड में हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें नवनिर्वाचित संघ का निलंबन और तदर्थ समिति स्वीकार नहीं है। उन्होंने रोक के बावजूद जल्द ही नेशनल चैंपियनशिप कराने की बात कही है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार संजय सिंह ने कहा, ” हम लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये हैं। रिटर्निंग ऑफिसर ने कागजात पर हस्ताक्षर किए थे। वे इसे कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं। हम इस तदर्थ पैनल को नहीं मानते। हम इस निलंबन को मानते। डब्ल्यूएफआई सुचारू रूप से काम कर रहा है, हम काम पर हैं। यदि हमारे राज्य संघ टीमें नहीं भेजेंगे तो वे (तदर्थ पैनल) नेशनल्स का आयोजन कैसे करेंगे।”
उनसे पहले कराएंगे नेशनल चैंपियनशिप
संजय सिंह ने कहा, “हम जल्द ही अपनी नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन करेंगे। हम जल्द ही कार्यकारी समिति की बैठक बुला रहे हैं। बैठक की सूचना एक या दो दिन में भेज दी जाएगी और उनसे पहले हम नेशनल्स आयोजित करेंगे। हमने मंत्रालय को अपना स्पष्टीकरण भेजा था कि हमने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। हम अभी भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं। हम एक-दो दिन इंतजार करेंगे। यदि वे हमसे संपर्क नहीं करना चाहते हैं तो हमें भी कोई दिलचस्पी नहीं है। हमारा महासंघ इस निलंबन को मान्यता नहीं देता।”
तदर्थ समिति कब बनी
खेल मंत्रालय द्वारा नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित करने के कुछ ही दिनों बाद पिछले बुधवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने महासंघ के मामलों को देखने के लिए एक तदर्थ समिति का गठन किया था। समिति का नेतृत्व वुशू एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह बाजवा कर रहे हैं। इसमें ओलंपियन एमएम सोमाया और पूर्व अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी मंजूषा कंवर भी शामिल हैं।