मोबाइल निर्माता कंपनी विवो ने 2,199 करोड़ रुपये की बड़ी बोली लगाकर मंगलवार को अगले पांच वर्ष के लिए फिर से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटिल स्पॉन्सरशिप राइट्स हासिल कर लिए हैं। यह रकम पिछले करार से 554 प्रतिशत अधिक है। बीसीसीआई ने बयान में कहा, ‘‘स्मार्टफोन बनाने वाले शीर्ष वैश्विक निर्माता ने 2199 करोड़ की बोली लगाई जो पिछले अनुबंध की तुलना में 554 प्रतिशत अधिक है। आगामी पांच आईपीएल सत्र (2018-2022) विवो और आईपीएल के बीच खेल प्रतियोगिता, मैदानी सक्रियता और मार्केटिंग अभियान को लेकर विस्तृत सहयोग होगा। ’’ इस अनुबंध के लिए विवो को हर साल लगभग 440 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। बीसीसीआई ने पिछले महीने एक अगस्त 2017 से 31 जुलाई 2022 तक की अवधि के लिए आईपीएल के टाइटिल प्रायोजन के लिए आवेदन मंगवाए थे।
विवो ने 2016 से 2017 के सत्र के लिए टाइटिल अधिकार हासिल किए थे। यह करार लगभग 100 करोड़ प्रतिवर्ष के आधार पर हुआ था। इस करार पर आईपीएल अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि विवो एक बार फिर आईपीएल के टाइटिल प्रायोजक के रूप में अगले पांच साल के लिए हमारे साथ जुड़ा है। पिछले दो सत्र में विवो के साथ करार बेहतरीन रहा और मुझे यकीन है कि वे इसे और बड़ा और बेहतर बनाएंगे।’’ करार के नवीनीकरण के लिये विवो ने एक अन्य मोबाइल निर्माता कंपनी ओप्पो को पीछे छोड़ा, जिसने रिपोर्टों के अनुसार 1430 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। विवो ने इससे पहले पेप्सी की जगह टाइटिल अधिकार हासिल किए थे।
आईपीएल का सीजन 10 इस साल अप्रैल में शुरू हुआ था। मुंबई ने इस साल राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स को महज 1 रन से हराकर तीसरी बार आईपीएल खिताब जीता था। खिताबी मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट खोकर महज 129 रन बनाए। टारगेट का पीछा करते हुए पुणे ने सिर्फ 128 रन ही बना सकी थी। पुणे को राहुल त्रिपाठी (3) के रूप में 17 रन पर ही पहला झटका लग चुका था लेकिन इसके बाद अजिंक्य रहाणे और कप्तान स्टीव स्मिथ के बीच शानदार 54 रन की साझेदारी हुई थी। रहाणे 44 रन की पारी खेलकर आउट हुए थे। पुणे के कप्तान स्टीव स्मिथ ने भले ही 50 गेंदों पर 51 रन की पारी खेली लेकिन वो बेहद धीमा खेलते दिखे, जिसकी वजह से मैच अंत में फंस गया था।

