बंगाल के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के पहले मुकाबले से पूर्व बड़ौदा के बल्लेबाज विष्णु सोलंकी ने अपनी नवजात बच्ची को जन्म के अगले दिन ही खो दिया था। लेकिन उन्होंने जज्बा दिखाया और चंडीगढ़ के खिलाफ दूसरे मैच में वापसी की। पहली पारी में शतक जड़ने वाले सोलंकी को यह नहीं पता होगा कि एक और बुरी खबर उनका इंतजार कर रही है।

दरअसल मैच के आखिरी यानी चौथे दिन की सुबह बड़ौदा के टीम मैनेजमेंट को खबर मिली की विष्णु सोलंकी के पिता का निधन हो गया है। इसके बाद टीम मैनेजर धर्मेंद्र अरोथे ने उन्हें ड्रेसिंग रूम में बुलवाया और इस बात की जानकारी दी। सोलंकी ने एक बार हिम्मत दिखाई और टीम मैनेजमेंट द्वारा कहने के बावजूद घर ना जाकर मैच आगे खेलने का फैसला किया।

करीब 10 दिन पहले अपनी नवजात बच्ची को खोने के बाद 29 वर्षीय विष्णु सोलंकी के सिर पर एक और बड़ा पहाड़ टूटा। उन्होंने ड्रेसिंग रूम से ही अपने पिता का अंतिम संस्कार देखा और वह उनके अंतिम दर्शन नहीं कर पाए। सोलंकी के बड़े भाई ने उनके पिता को मुखाग्नि दी। मैच के बाद टीम के कप्तान केदार देवधर ने विष्णु के जज्बे की तारीफ भी की।

बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन लगातार कंधे से कंधा मिलाकर विष्णु सोलंकी के समर्थन में खड़ा है। एसोसिएशन के सचिव अजीत लेले ने बताया कि, सोलंकी को घर लौटने के लिए भी कहा गया था। लेकिन मैनेजर ने जानकारी दी कि विष्णु ने वापस रुकने का फैसला लिया है। यह उनका खेल के प्रति समर्पण दिखाता है।

उनकी रणजी टीम के कप्तान केदार देवधर ने कहा कि, उनके पिता पिछले दो महीने से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे। वह मेडिकल इमर्जेंसी से गुजर रहे थे। अगर विष्णु चाहते तो भी वह यह खबर मिलने के बाद समय पर नहीं पहुंच पाते। लेकिन उनके जज्बे को सलाम कि उन्होंने दुखों का बोझ लेकर भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने शतक लगाकर इशारा करते हुए इसे अपनी बेटी को समर्पित किया था।

उन्होंने आगे कहा कि, जब वह अपनी नवजात बच्ची के निधन के बाद टीम के साथ जुड़े थे तो सभी ने उनको एक साइन नोट दिया था। टीम के सभी खिलाड़ियों ने उनके जज्बे और खेल के प्रति समर्पण की सराहना की थी। उस वक्त हमें यह नहीं पता था कि एक और अनहोनी उनका इंतजार कर रही है।

आपको बता दें कि विष्णु सोलंकी बंगाल के खिलाफ पहले रणजी ट्रॉफी 2022 के मुकाबले के लिए टीम में शामिल नहीं हो पाए थे। उससे पहले ही उनकी नवजात एक दिन की बच्ची का निधन हुआ था। लेकिन इसके कुछ दिन के बाद ही वह टीम के साथ जुड़े और 5 दिन का क्वारंटीन पीरियड भी पूरा किया। चंडीगढ़ के खिलाफ उन्होंने दूसरे मैच में 165 गेंदों पर 104 रन की शानदार पारी भी खेली थी।