टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अपने एक लेटेस्ट इंटरव्यू में बताया है कि 2007 वर्ल्ड कप में जब भारत बांग्लादेश के हाथों हारकर विश्व कप से बाहर हो गया था तो उस वक्त उन्होंने खुद को 2 दिन के लिए कमरे में कैद कर लिया था। इस दौरान सहवाग ने ना तो अपने कमरे में किसी को आने दिया था और ना ही वह खुद कमरे से बाहर गए थे। बता दें कि 2007 विश्व कप में भारत लीग स्टेज में ही हारक बाहर हो गया था।

सहवाग को सबसे ज्यादा चुभने वाली हार

गौरव कपूर के ब्रेकफास्ट विद चैंपियन शो पर वीरेंद्र सहवाग ने 2007 की उस हार को सबसे ज्यादा दिल में चुभने वाली हार बताया है। सहवाग ने कहा,”2007 वर्ल्ड कप की हार ने सबसे अधिक दिल पर चोट पहुंचाई थी, क्योंकि उस वक्त हमारी टीम दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम थी। अगर आप कागज पर देखें तो ना तो उससे पहले ऐसी टीम हुई और ना ही उसके बाद ऐसी टीम हुई। 2003 में हमने फाइनल खेला और 2007 में हम ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गए, इसलिए सबसे ज्यादा दुख उसी हार का है।”

2007 में भारत को सिर्फ नामीबिया के खिलाफ मिली थी जीत

सहवाग ने इंटरव्यू में आगे कहा, “हमने 2007 वर्ल्ड कप में 3 में से 2 मैच गंवाए और जीत सिर्फ नामीबिया के खिलाफ मिली थी। आप समझ सकते हैं कि उस हार का कितना दुख हुआ होगा? सभी को हमसे उम्मीद थी कि हम अगले राउंड में जाएंगे, लेकिन लीग चरण में ही हमारा सफर खत्म हुआ था। उसके बाद दो दिन हमने त्रिनिदाद और टोबैगो में ही बिताए, क्योंकि वापसी की टिकट दो दिन बाद की थी और उन दो दिनों में मैंने खुद को कमरे में कैद रखा था।”

दो दिन सहवाग ने नहीं देखा किसी का चेहरा

सहवाग ने आगे कहा कि उन दो दिनों में मैंने अपने कमरे के अंदर कोई रूम सर्विस और हाउसकीपिंग को नहीं बुलाया। अमेरिका में मेरा एक दोस्त था, जिससे मैंने ‘प्रिजन ब्रेक’ लिया और उन दो दिनों में मैंने वो शो खत्म किया। उन दो दिनों में मैंने किसा का चेहरा नहीं देखा और जब दो दिन बीत गए तब हम भारत के रवाना हुए। बता दें कि 2007 में बांग्लादेश के हाथों हारने के बाद भारत ने 2011 विश्व कप में वापसी की और खिताब अपने नाम किया।