महेंद्र सिंह धौनी के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने के बाद भारतीय थिंकटैंक अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले मंगलवार से एससीजी पर होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के लिए आदर्श संयोजन के चयन पर विचार कर रहा है। बैकअप विकेटकीपर होने के कारण रिद्धिमान साहा का चयन तय है लेकिन टीम प्रबंधन अपनी लाइन अप में दो और बदलाव कर सकता है।

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में धीमी गति के गेंदबाजों को मदद मिलती रही है क्योंकि यहां का विकेट तीसरे दिन के बाद टर्न लेता है। सिडनी में तीसरी और चौथी पारी में स्पिनर काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। ऐसे में भारत रविचंद्रन अश्विन के अलावा बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल को भी अंतिम एकादश में शामिल कर सकता है।

पटेल को चोटिल रविंद्र जडेजा के स्थान पर टीम में शामिल किया गया है। जडेजा अभी बायें कंधे की चोट से उबर रहे हैं। भारत के नए टेस्ट कप्तान विराट कोहली गुजरात के 20 वर्षीय स्पिनर के खेल को समझते हैं क्योंकि इस युवा स्पिनर ने अपने नौ में से पांच वनडे मैच कोहली की कप्तानी में खेले हैं। अब 11 प्रथम श्रेणी मैचों में 38 विकेट लेने वाले अक्षर रनों पर अंकुश लगाने और कुछ विकेट हासिल करने पर ध्यान देंगे। यदि अक्षर पटेल को अंतिम एकादश में रखा जाता है तो फिर मोहम्मद शमी या उमेश यादव में किसी को बाहर किया जाएगा क्योंकि भारत के चार गेंदबाजों के साथ उतरने की रणनीति पर कायम रहने की संभावना है।

बल्लेबाजी लाइन अप भी चिंता का विषय है। शिखर धवन लंबे समय से फार्म से जूझ रहे हैं। उन्होंने अब तक तीन मैचों की छह पारियों में 27.83 की औसत से 167 रन बनाये हैं। यदि धवन को अंतिम एकादश से हटाया जाता तो टीम में कुछ संभावनाएं बन सकती है। धवन को बाहर किए जाने पर विशेषज्ञ सलामी बल्लेबाज के एल राहुल को मुरली विजय के साथ पारी का आगाज करने के लिए भेजा जा सकता है। निर्वतमान कप्तान धौनी का कहना था कि राहुल का एक मैच के आधार पर आकलन नहीं किया जाना चाहिए।

यदि राहुल को भी बाहर किया जाता है तो फिर अंजिक्य रहाणे को पारी की शुरुआत करने के लिए भेजा जा सकता है। वह मुंबई की तरफ से रणजी स्तर पर पारी का आगाज करते रहे हैं। ऐसे में रोहित शर्मा और सुरेश रैना को अंतिम एकादश में रखा जाएगा। यदि धवन या राहुल में से कोई एक टीम में बने रहता है तो फिर रोहित और रैना में से किसी एक को टीम में लिया जाएगा।

रोहित विदेश की परिस्थितियों में खुद को साबित करने में नाकाम रहे हैं जबकि रैना को पहले तीन मैचों के लिए टीम में शामिल नहीं करने से संकेत मिलते हैं कि वह अब भी टीम की रणनीति में फिट नहीं बैठते। रैना की शार्ट पिच गेंदों के खिलाफ कमजोरी जगजाहिर है और ऐसे में मिशेल जानसन और रेयान हैरिस के सामने उन्हें परेशानी हो सकती है।