महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने विराट कोहली को लंबे समय तक भारतीय टीम का कप्तान बनाये रखने की वकालत करते हुए उन्हें आदर्श कप्तान करार दिया जिसके इर्द गिर्द देश टेस्ट को लेकर अपनी योजनाएं बना सकता है।
कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में समाप्त हुई चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में दो टेस्ट मैचों में टीम की अगुवाई की। द्रविड़ ने कहा कि बीसीसीआई उन पर भरोसा कर सकता है क्योंकि वह टीम की अगुवाई करने के साथ खुद भी अच्छा प्रदर्शन करता है।
द्रविड़ ने कहा, ‘‘विराट के लिये अभी शुरुआती दिन है लेकिन उसने दिखा दिया कि वह टीम की अगुवाई कर सकता है। मेरे लिये सबसे अच्छी बात उसका इस श्रृंखला में खुद का अच्छा प्रदर्शन है। अब हम जानते हैं कि विराट कप्तानी का सही दावेदार है। वह ऐसा खिलाड़ी है जिसके साथ भारतीय क्रिकेट लंबी अवधि की योजनाएं बना सकता है और उन्हें ऐसा करना चाहिए।’’
उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, ‘‘सबसे खराब स्थिति यह होती कि विराट जैसा खिलाड़ी जो कि महेंद्र सिंह धोनी का वास्तविक उत्तराधिकारी है, वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता और टीम में उसकी जगह सुनिश्चित नहीं होती जैसा कि इंग्लैंड दौरे के बाद लग रहा था लेकिन अब ऐसा नहीं है।’’
द्रविड़ को इसमें संदेह नहीं कि वर्तमान भारतीय बल्लेबाजी सभी परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन गेंदबाजी विभाग ने हाल के विदेशी दौरों में टीम को नुकसान पहुंचाया जिससे वह टेस्ट रैंकिंग में सातवें स्थान पर खिसक गयी।
द्रविड़ ने कहा, ‘‘गेंदबाजी सबसे बड़ी कमजोरी है और यदि आप लगातार अच्छी गेंदबाजी नहीं करते हो, यदि आपके पास तेज और स्पिन विभाग में विश्वस्तरीय गेंदबाज नहीं हैं तो फिर आपकी रैंकिंग में गिरावट आएगी क्योंकि आप परिणाम हासिल नहीं कर सकते।’’
उन्होंने कहा कि भारत आगामी महीनों में घरेलू सरजमीं पर खेलेगा और ऐसे में उसकी टेस्ट रैकिंग में सुधार होगा लेकिन विदेशों में अधिक टेस्ट जीतना जरूरी है।
द्रविड़ ने कहा, ‘‘मैं रैकिंग को बहुत अधिक महत्व नहीं देता। चाहे वह पांचवीं हो या सातवीं मेरे लिये इससे बहुत अंतर पैदा नहीं होता। हम अब लंबे समय तक विदेशों में नहीं खेलेंगे तो निश्चित तौर पर हमारी रैंकिंग में सुधार होगा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। हमारे पास अच्छी बल्लेबाजी है। हमारे पास कुछ अच्छे स्पिनर है जो यहां की परिस्थितियों में अच्छी गेंदबाजी कर सकते हैं। इसलिए यदि दो साल बाद हम यह बात करते और हमारी टीम विदेशों में कम खेलती तो तब हो सकता है कि मैं कहता कि वाह हम फिर से नंबर एक या दो पर पहुंच गये।’’
द्रविड़ ने कहा, ‘‘इसलिए यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण यह है कि हम विदेशों में कैसे अच्छा प्रदर्शन करेंगे और पिछले 12 से 14 महीनों में जो कमजोरियां साफ दिख रही हैं हम उनसे पार पाने के लिये क्या कर रहे हैं।’’
