भारतीय टीम गुरुवार यानी 22 अगस्त से टेस्ट चैंपियनशिप में अपने अभियान की शुरुआत करेगी। वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाला यह मैच एंटिगा के सर विवियन रिचर्ड्स मैदान पर खेला जाएगा। टीम इंडिया यह मैच जीतने की तगड़ी दावेदार मानी जा रही है।
टीम इंडिया के खिलाड़ी कई महीनों बाद टेस्ट फॉर्मेट में खेलने उतर रहे हैं, लेकिन वे इसे लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हैं। कप्तान विराट कोहली भी बिल्कुल कूल हैं। मैच से पहले उन्होंने अपने समय के दिग्गज क्रिकेटर रहे विवियन रिचर्ड्स का इंटरव्यू लेकर इसकी बानगी भी पेश की।
वैसे आमतौर पर इंटरव्यू लेने का काम टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल निभाते हैं, लेकिन इस बार यह भूमिका कप्तान ने अदा की। उन्होंने बीसीसीआईडॉटटीवी (bcci.tv) के लिए इंटरव्यू के दौरान रिचर्ड्स से पूछा कि आपने खेलने के दौरान किन-किन चुनौतियों का सामना किया। कैसे उन चुनौतियों से निपटकर महान बल्लेबाज बने?
विराट ने पूछा, ‘जब आप खेल रहे होते थे, तो आपके सामने कौन-कौन सी चुनौतियां पेश आईं? वे कौन-कौन से कारण थे, जो आपने खुद पर इतना भरोसा किया, आपके आत्मविश्वास का सारांश क्या था?’
इस पर रिचर्ड्स ने कहा, ‘मैंने हमेशा महसूस किया कि मैं बहुत प्रतिस्पर्धी हूं। मैं खुद को सबसे अच्छे तरीके से जाहिर करना चाहता था। मुझे आप में भी वह थोड़ी-सी समानता दिखती है। आप में भी वही जुनून दिख रहा है। कई बार लोग हमें अलग तरीके से देखते हैं। वे कहते हैं कि ये लोग इतने गुस्से में क्यों रहते हैं?’
कोहली ने पूछा, ‘मैंने आपके कई वीडियो देखे हैं। बल्लेबाजी के दौरान आप हैट पहनते थे। उन दिनों आपने हेलमेट नहीं पहना। यह दर्शाता है कि आपको खुद पर बहुत भरोसा है। उन दिनों पिचें तैयार नहीं होती थीं। वे आज की तरह ढकी हुई भी नहीं होती थीं। यह जानते हुए कि आपके पास सुरक्षा के ज्यादा साधन नहीं हैं और बाउंसरों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। आप क्रीज पर पहुंचते ही गेंदबाजों पर हावी हो जाते थे। चेंजिंग रूम से निकलने से पिच तक पहुंचने तक आप कैसा महसूस करते थे?’
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रिचर्ड्स ने कहा, ‘मुझे भरोसा था कि मैं मर्द हूं।’ रिचर्ड्स की इस बात पर कोहली हंसने लगते हैं। रिचर्ड्स ने कहा, यह सुनकर हो सकता है लोगों को लगे कि मैं घमंडी हूं, लेकिन मुझे हमेशा लगता था कि मैं ऐसा खेल खेल रहा हूं, जिसे मैं बहुत अच्छे से जानता हूं। मैंने हर बार खुद का समर्थन किया। आप चोटिल होने पर भी वह भरोसा नहीं छोड़ते। मैंने हेलमेट पहनकर बल्लेबाजी की कोशिश तो की, लेकिन थोड़ा असहज महसूस हुआ, इसलिए मुझे जो मरून कैप दी गई थी, उसे पहनकर ही खेलने का फैसला किया। मुझे मरून कैप पर गर्व था। मैं वही पहनता था, मुझे लगता था कि चोट लगने पर भी मैं बच जाऊंगा।
Special: @imVkohli in conversation with @ivivianrichards (Part 1)
King Kohli turns anchor and quizzes the Caribbean Master to understand his fearless mindset – by @28anand
Full interview – https://t.co/HHGvlzfFEi pic.twitter.com/ikl7oifKSi
— BCCI (@BCCI) August 22, 2019

