IND vs AUS: वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल से पहले टीम इंडिया के फैंस उम्मीद लगाए बैठे थे कि ओवल के मैदान पर 10 साल का इंतजार खत्म होगा। टीम इंडिया आईसीसी ट्रॉफी जीतेगी लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने उनकी इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भारत यह फाइनल मैच हार गया। हार के कारणों की बात करें तो इसमें कई ऐसे खिलाड़ियों का नाम सामने आएगा जिन्होंने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का नाम भी इस लिस्ट का हिस्सा है। वहीं उनके चिर प्रतिद्वंदी स्टीव स्मिथ एक बार फिर टीम के स्टार बने।

तीन साल तक जब विराट कोहली के बल्ले से कोई शतक नहीं निकला था तब उन्हें बहुत ज्यादा बैक किया गया था। टीम ने किसी भी फॉर्मेट में उन्हें ड्रॉफ नहीं किया। कोहली ने खुद ब्रेक लिया और फिर एशिया कप में उनके बल्ले से शतक निकला। इसके बाद धीरे-धीरे कोहली अपने रंग में दिखने लगे। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप से पहले खेले गए आईपीएल में भी कोहली शानदार फॉर्म में थे हालांकि जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी कोहली का बल्ला नहीं चला।

WTC Final में नहीं चला कोहली का बल्ला

विराट कोहली ने फाइनल मैच की पहली पारी पारी में 14 रन बनाए। दूसरी पारी में उन्होंने टीम इंडिया की उम्मीदों को बचाए रखने की पूरी कोशिश की लेकिन 49 के स्कोर पर आउट हो गए। कोहली एक बार फिर आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल में फेल रहे और टीम इंडिया ट्रॉफी से हाथ गंवा बैठी।

आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल में नाकाम कोहली

विराट कोहली ने अब तक सात आईसीसी फाइनल मैच खेले हैं। इनमें उनके नाम केवल एक ही अर्धशतक है। साल 2014 में टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में कोहली ने 77 रन बनाए थे। इसके अलावा 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में उन्होंने पांच रन बनाए थे। पिछले डब्ल्यूटीसी फाइनल में उनके बल्ले से पहली पारी में 13 और दूसरी पारी में 14 रन बनाए। वहीं अगर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्टीव स्मिथ की बात करें तो उन्होंने तीन आईसीसी ट्रॉफी के फाइनल खेले हैं जिसमें उन्होंने नाबाद 56*, 121 और 35 रन बनाए हैं और टीम तीनों बार जीती है।

कोहली नहीं उठा पाए जिम्मेदारी

विराट कोहली के पास भी अपनी टीम को जिताने का मौका था लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहे। कोहली जब रविवार को बल्लेबाजी करने उतरे तो अच्छी तरह जानते थे कि मैच का परिणाम उनकी और रहाणे की साझेदारी पर निर्भर करता है। कोहली ने बाहर जाती गेंद को छेड़ा और गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर आउट हो गए। इसके बाद तो जैसे विकेट की झड़ी लग गई और टीम मुकाबला हार गई। इस बार न तो कोहली पर कप्तानी का दबाव था और न ही वह फॉर्म से बाहर थे, फिर भी उनके बल्ले से वह पारी नहीं निकली जिसकी टीम को जरूरत थी।