भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली को टीम इंडिया के सबसे फिट खिलाड़ियों में शामिल हैं। टीम में फिटनेस का कल्चर लाने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है। कोहली जब टीम के कप्तान थे तब वह इसे लेकर और ज्यादा सख्त थे। हालांकि यह सख्ती इतनी ज्यादा था कि उन्होंने कैंसर को मात देकर टीम में वापसी की कोशिश कर रहे खिलाड़ी को भी ढील नहीं दी। यह आरोप वर्ल्ड कप विजेता खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा का है।
लल्लनटॉल को दिए इंटरव्यू में रॉबिन उथप्पा ने बताया कि स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह कैंसर के बाद वापसी की कोशिश की। इस दौरान उन्हें फिटनेस देना था। हालांकि उन्हें कैंसर से जंग लड़ने के बावजूद भी कोई छूट नहीं दी। उथप्पा के मुताबिक कोहली ने दया नहीं दिखाई और कहा कि फिटनेस टेस्ट पास करें। उथप्पा ने कहा, “उस शख्स ने कैंसर से लड़ाई लड़ी, वह भारतीय टीम में वापसी की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने भारत को दो-दो वर्ल्ड कप जिताए। भारत की जीत में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जब आप कप्तान बनते हो, तो आप ऐसे प्लेयर को बोलते हो कि वो फिटनेस टेस्ट पास करे। उनके फेफड़े कैंसर की वजह से कमजोर हो गए थे।”
उथप्पा के मुताबिक कोहली को युवराज सिंह को छूट देनी चाहिए थी। युवराज सिंह के टेस्ट में केवल दो अंक कम थे, इसके बावजूद भी उन्हें ढील नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘ये बात ठीक है कि आप एक मानक के तहत काम करते हैं। पर हर मानक में कुछ अपवाद होते हैं। और यहां वह खिलाड़ी (युवराज) है जो एक्सेप्शन होना डिजर्व करता है। जिसने न सिर्फ टीमों का हराया है, बल्कि कैंसर को भी हराया। उन्होंने जीवन के सबसे मुश्किल चुनौती पार की। ऐसे प्लेयर के लिए नियम में कुछ ढील दी जा सकती थी.” उथप्पा के मुताबिक युवराज ने हार नहीं मानी और टेस्ट पास करके टीम में जगह बनाई। वह एक दौरे पर परफॉर्म नहीं कर पाए तो टीम ने उन्हें बाहर कर दिया।
अपनी बात जारी रखते हुए उथप्पा ने कहा, ‘क्रिकेट फिटनेस मैच फिटनेस से काफी अलग होती है। ये दोनों काफी अलग चीजें हैं। आप मैच फिट हो सकते हैं, और खूब रन बना सकते हैं। लेकिन एक बल्लेबाज के पास स्मार्ट थिंकिंग भी होनी चाहिए, अपनी फिटनेस को मेंटेन करने के लिए। फिटनेस स्टैंडर्ड मैच करना मेरे हिसाब से काफी ओवररेटेड है।”