भारत में क्रिकेट के अलावा शायद ही किसी खेल को अधिक बढ़ावा मिलता है। अब इसका एक और नमूना सामने आया है। ओडिशा के करीब 18 स्कूल के बच्चों का वीडियो वायरल हो रहा है, जो उत्तर प्रदेश के बलिया में आयोजित हुए 69वें नेशनल स्कूल गेम्स रेसलिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए थे। यह सभी रेसलिंग प्लेयर्स कड़ाके की ठंड में ट्रेन के टॉयलेट के पास बैठकर सफर करते नजर आ रहे हैं।
यह वीडियो इस महीने (दिसंबर 2025) की शुरुआत का बताया जा रहा है जो अब सुर्खियां बटोर रहा है। अधिकारियों द्वारा उनके टिकट कंफर्म नहीं करवा पाने और अपने सामान के साथ टॉयलेट के पास जमीन पर बैठकर सफर करने के लिए मजबूर करने के आरोप लग रहे हैं। अधिकारियों के इस कुप्रबंधन का नजारा अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
इस ग्रुप में करीब 8 लड़कियां भी शामिल थीं। ये सभी पहलवान 7 से 12 दिसंबर तक आयोजित चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए थे। आने और जाने दोनों तरफ के सफर के दौरान उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वायरल वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि सभी पहलवान जमीन पर या अपने सामान के ऊपर बैठे नजर आ रहे हैं। वहीं सर्दी से बचने के लिए एथलीट्स अपना सिर ढकते भी नजर आ रहे हैं।
अधिकारियों ने इस मामले पर बयान देते हुए बताया कि, सभी एथलीट्स और चार शिक्षक 6 दिसंबर को बिना कन्फर्म टिकट के नीलांचल एक्सप्रेस से भुवनेश्वर से बलिया गए थे। उनकी वापसी की यात्रा 12 दिसंबर को नंदनकानन एक्सप्रेस से शुरू हुई, लेकिन वापसी में भी टिकट कन्फर्म नहीं थे।
द इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र में छपी खबर के मुताबिक उनके साथ गए एक शिक्षक ने बताया, “हमने टिकट कन्फर्म करवाने या टीटीई (TTE) से अनुरोध करते हुए कम से कम कुछ सीटों का प्रबंध करने की पूरी कोशिश की, ताकि खिलाड़ी बैठकर यात्रा कर सकें, लेकिन हम असफल रहे। जब उन्हें सीटें नहीं मिलीं, तो उन्होंने टॉयलेट के पास फर्श पर बैठकर यात्रा करनी पड़ी।”
पहलवानों ने अधिकारियों पर लगाए आरोप
शिक्षक ने यह भी बताया कि घंटों तक दयनीय परिस्थितियों में यात्रा करने के बाद, टीटीई से अनुरोध करने पर उन्हें पश्चिम बंगाल के हिजली में 10 सीटें मिल पाईं। नाम न छापने की शर्त पर एक पहलवान ने यात्रा के लिए अधिकारियों पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया।
पहलवान ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा, “अधिकारी हमसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कैसे कर सकते हैं जब वह बुनियादी चीजें भी सुनिश्चित नहीं कर सकते? हमें बहुत ही बेइज्जत तरीके से यात्रा करनी पड़ी। टॉयलेट के पास का इलाका बदबू मार रहा था। हर बार जब ट्रेन किसी स्टेशन पर रुकती, तो लोगों के चढ़ने-उतरने के लिए हमें अपना सामान लेकर हटना पड़ता था। हम खेलों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे थे।”
स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग ने दिया जवाब
इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया के बाद, स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग ने “कुप्रबंधन” को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एक आधिकारिक बयान में विभाग ने स्पष्ट किया कि, 18 युवा पहलवानों और चार शिक्षकों के लिए 20 नवंबर को बलिया जाने और वापस भुवनेश्वर आने के लिए 3-टियर एसी कोच में टिकट बुक किए गए थे।
बयान में आगे कहा गया, “विभाग के ईमानदार प्रयासों के बावजूद, टिकट कन्फर्म नहीं हो सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि युवा पहलवान राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप में भाग लेने से वंचित न रहें और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिले, उन्हें बलिया, यूपी ले जाया गया था।”
