विनेश फोगाट ने 6 अगस्त 2024 को पेरिस में इतिहास रच दिया। विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किलोग्राम भार वर्ग कुश्ती के सेमीफाइनल में क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को 5-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। विनेश फोगाट ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं। विनेश की जीत के बाद टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने बेटियों की राह में तथाकथित कांटे बोने वालों पर तंज कसा।

बजरंग पूनिया ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट X पर लिखा, ‘विनेश ने इतिहास रच दिया है। विनेश महिला कुश्ती में ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। आज सब भारतीयों की आंखों में आसूं हैं। ये देश की बेटियां हैं, जिन्होंने हमेशा ही देश की शान बढ़ाई है। जिन लोगों ने हमेशा इन बेटियों की राह में कांटे बिछाए हैं, वे कम से कम इन बेटियों से सबक लेंगे और आगे इन बेटियों की राह में कांटे बीजने से बाज आएंगे।’

विनेश ने पहले ही राउंड में रच दिया इतिहास

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में अपने पहले ही राउंड में इतिहास रच दिया था। उन्होंने जापान की उस पहलवान को पहली बार हार का मजा चखाया, जो पिछली 82 फाइट से अजेय थी। उन्होंने मौजूदा ओलंपिक चैंपियन यूई सुसाकी को शिकस्त दी थी। उसके थोड़ी ही देर बाद उन्होंने यूक्रेन की लिवाच उकसाना को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। विनेश के सेमीफाइनल में पहुंचने पर भी बजरंग पूनिया ने X पर एक पोस्ट शेयर की थी।

भारत की शेरनी है विनेश फोगाट: बजरंग पूनिया

बजरंग पूनिया ने लिखा, ‘विनेश फोगाट भारत की वो शेरनी जिसने आज बैक टू बैक मैच में 4 बार की वर्ल्ड चैंपियन और मौजूदा ओलंपिक चैंपियन को हराया। उसके बाद क्वार्टर फाइनल में पूर्व वर्ल्ड चैंपियन को हराया। मगर एक बात बताऊं, ये लड़की अपने देश में लातों से कुचली गई थी। ये लड़की अपने देश में सड़कों पर घसीटी गई थी। ये लड़की दुनिया जीतने वाली है मगर इस देश में सिस्टम से हार गई थी।’

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पेशेवर पहलवान विनेश फोगट मंगलवार 6 अगस्त 2024 की देर रात को महिला कुश्ती में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनने के बाद अपनी मां से बात करती हुईं। (एएनआई फोटो)

इससे पहले एक अन्य पोस्ट में बजरंग ने लिखा था, ‘विनेश की जीत पर समझ नहीं पा रहा हूं कि कैसे रिएक्ट करूं। पहली बार समझ नहीं लग रहा कि हम खुश हो रहे हैं या रो रहे हैं। सारा भारत ही इस मेडल की बाट देख रहा है। हर किसी की आंखें नम हैं। ऐसा लग रहा है जैसे विनेश अकेली नहीं, बल्कि सारे ही देश की सभी महिलाएं लड़ रही हों। विनेश, आप सच में ही रिकॉर्ड कायम करने के लिए पैदा हुई हैं। इतनी मुश्किलें झेलने के बाद भी आप लक्ष्य पर आंख गड़ोए बैठी हो। हमारी यही दुआ है कि बस सोना भारत आए।’