भारतीय पहलवान विनेश फोगट (Vinesh Phogat) ने 14 सितंबर की रात सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में इतिहास रचा। उन्होंने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में महिला (53 किग्रा) के कांस्य पदक मुकाबले में स्वीडन की एम्मा जोना मालमग्रेन को हराया। कांस्य पदक जीतने के साथ ही वह विश्व चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गईं। विनेश फोगाट ने 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में नूर-सुल्तान (कजाकिस्तान) में भी कांस्य पदक जीता था।
विनेश इस विश्व चैंपियनशिप के क्वालिफिकेशन राउंड में हार गईं थीं। 2022 एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता विनेश फोगाट अपने पहले मुकाबले में मंगलवार को मंगोलिया की खुलन बटखुयाग से हार गईं थीं। हालांकि, बटखुयाग के फाइनल में पहुंचने के बाद विनेश को रेपचेज दौर में मौका मिला। उन्होंने रेपचेज के जरिए कांस्य पदक प्ले-ऑफ में जगह बनाई थी। विनेश ने कांस्य पदक के मुकाबले में मालमग्रेन को 8-0 से हराया।
विनेश फोगाट की यह उपलब्धि और भी खास है, क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाने के कारण उन्होंने कुश्ती छोड़ने तक का मन बना लिया था। विनेश फोगाट ने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने के खुलासा किया था कि वह एक बड़ी मानसिक रुकावट को पार करने में सफल रहीं। उन्होंने कहा था, ‘मैं दो ओलंपिक गेम्स में एक भी पदक नहीं जीत पाई थी, इसलिए मैंने कुश्ती को लगभग छोड़ने का मन बना लिया था।’
कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय पहलवान
विनेश फोगाट कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय पहलवान हैं। वह लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स (2019) के लिए नॉमिनेट की जाने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं। विनेश फोगाट लगातार तीन कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।
विनेश फोगाट ने 2014 ग्लासगो, 2018 गोल्ड कोस्ट और 2022 बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीते हैं। खास यह है कि तीनों बार उनकी कैटेगरी अलग-अलग रही। उन्होंने ग्लासगो में 48 किग्रा, गोल्ड कोस्ट में 50 किग्रा और बर्मिंघम में 53 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।
विनेश फोगाट ने 2014 इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता था। उन्होंने अगले एशियाई खेलों यानी 2018 में जकार्ता में अपने पदक का रंग बदला और गोल्ड मेडल जीत लिया। विनेश ने इंचियोन में 48 और जकार्ता में 50 किग्रा भार वर्ग में पदक जीते थे।