भारत में एक तरफ घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देने की बात होती है। बड़े से बड़े खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट की अहमियत समझाई जाती है। हालांकि सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या खुद बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) इसको सही अहमियत देता है या नहीं? या इसको लेकर भी बोर्ड का रवैया सेलेक्टिव है। सबसे बड़ा सवाल मौजूदा विजय हजारे ट्रॉफी में तब उठा जब मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग सिर्फ गुजरात के दो शहरों से ही हो रही लेकिन बाकी वेन्यू के मैच फैंस लाइव नहीं देख पाएंगे।
इसको लेकर कई सवालिया निशान लग रहे हैं। आपको बताते हैं कि बुधवार (24 दिसंबर 2025) को सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई के राजस्व में करीब 3358 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। बीसीसीआई का यह फंड पिछले साल 7988 करोड़ रुपये था जो अब 11,346 करोड़ रुपये हो गया है। अब सवाल यही है कि इतना फंड तो है लेकिन इसका इस्तेमाल घरेलू क्रिकेट का स्तर बढ़ाने में क्यों नहीं हो रहा?
क्यों नहीं हो रही विजय हजारे ट्रॉफी के मैचों की लाइव स्ट्रीमिंग?
बोर्ड द्वारा एक तरफ विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए राजी कर लिया गया। बोर्ड का यह कदम सराहनीय रहा लेकिन लंबे समय बाद जब ये दोनों दिग्गज विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में खेल रहे हैं तो फैंस उन्हें लाइव नहीं देख पा रहे हैं। बोर्ड के पास सुनहरा मौका था घरेलू क्रिकेट की व्यूअरशिप बढ़ाने का, इसे ज्यादा से ज्यादा फैंस तक इसे पहुंचाने का, लेकिन इसकी लाइव स्ट्रीमिंग को सिर्फ दो शहरों तक ही सीमित रखा गया।
पूरे भारत के कुल 6 वेन्यू पर विजय हजारे ट्रॉफी का आयोजन हो रहा है। जानकारी के मुताबिक सिर्फ अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम और राजकोट के निरंजन शाह स्टेडियम में ही लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा उपलब्ध है। बाकी कहीं भी बीसीसीआई द्वारा लाइव कवरेज के इंतजाम नहीं किए गए हैं। इसको लेकर बोर्ड पर क्रिकेट फैंस निशाना साध रहे हैं।
निशाना साधना गलत भी नहीं है क्योंकि एक तरफ बोर्ड के फंड में 3300 करोड़ से ज्यादा के इजाफे की बात सामने आ रही है, दूसरी तरफ बोर्ड द्वारा घरेलू क्रिकेट को लाइव स्ट्रीम करने या उसका लाइव प्रसारण करवाने लायक भी नहीं समझा जा रहा है। अगर बोर्ड खुद ही इस तरह घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं दे रहा है तो आम लोग कैसे देंगे?
चिन्नास्वामी स्टेडियम पर रुख साफ नहीं
विराट कोहली दिल्ली के लिए खेल रहे हैं जिसके शुरुआती मैच पहले चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरु में होने थे, लेकिन अंतिम समय पर एक दिन पहले कर्नाटक सरकार इस स्टेडियम को हरी झंडी नहीं दे पाई। पिछले एक दो हफ्ते पहले तक चिन्नास्वामी को सभी आरोपों से मुक्त और सुरक्षा के लिहाज से ग्रीन फ्लैग बताया जा रहा था।
मैच में 24 घंटे का समय ही बाकी था तब विजय हजारे ट्रॉफी 2025 के मैच चिन्नास्वामी से बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) स्टेडियम शिफ्ट कर दिए गए। यहां फैंस की भी एंट्री नहीं थी और खाली स्टेडियम में मैच हुआ। शिफ्टिंग और बिना फैंस के मैच करवाने को सही भी मान लें तो, लाइव स्ट्रीमिंग या लाइव प्रसारण क्यों नहीं?
क्या बीसीसीआई ने इसके लिए फंडिंग नहीं दी या प्रॉपर कोई इंतजाम ही नहीं किया गया था। या फिर कहें शायद बोर्ड ने इस टूर्नामेंट और इन घरेलू मैचों को इतनी अहमियत ही नहीं दी कि इसका लाइव प्रसारण या लाइव स्ट्रीमिंग हो। एक तरफ बोर्ड चाहता है कि भारत में घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा मिलना चाहिए, लेकिन क्या फैंस के बिना देखे या इसके प्रसारित हुए बिना इसे बढ़ावा मिलेगा?
आपने सितारों को तो घरेलू टूर्नामेंट खेलने के लिए राजी कर लिया, लेकिन क्या इतना काफी है? ऐसे घरेलू क्रिकेट आगे बढ़ जाएगा जब व्यूअरशिप ही नहीं होगी? या फिर बोर्ड की सोच है बिना फैंस, बिना ऑडियंस के ही घरेलू क्रिकेट को सिर्फ स्टार प्लेयर्स के आने से बढ़ावा मिल जाएगा। एक तरफ लाइव स्ट्रीमिंग या लाइव प्रसारण फैंस नहीं देख पा रहे हैं, दूसरी तरफ बीसीसीआई जो भी फुटेज शेयर कर रहा उसे देख लोग बुरी तरह भड़क उठे।
वीडियो क्वालिटी पर उठ रहे सवाल
बीसीसीआई डोमेस्टिक के एक्स हैंडल पर विराट कोहली, रोहित शर्मा, वैभव सूर्यवंशी की बल्लेबाजी के वीडियो शेयर किए गए उनकी क्वालिटी बेहद खराब थी। इन वीडियोज की क्वालिटी देख लोगों को बहुत गुस्सा आया। बेहद खराब क्वालिटी के वीडियो देख यूजर्स ने बीसीसीआई को ट्रोल करना शुरू कर दिया। इस पर कई कमेंट ऐसे आए जिसमें बताया गया कि, यह है दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड का हाल।
स्टेडियम का खस्ताहाल
विजय हजारे ट्रॉफी 2025 में रोहित शर्मा जब जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेलने उतरे, वही स्टेडियम जहां फैंस तकरीबन 20 हजार की संख्या में इकट्ठा हो गए। कुछ घंटों पहले तक इस स्टेडियम के बदतर इंतजामों की तस्वीरें सामने आई थीं। आप तस्वीरें देख सकते हैं यह उसी सवाई मानसिंह स्टेडियम की हैं जहां रोहित शर्मा की टीम मुंबई खेलने उतरी थी। यह तस्वीरें मैच के कुछ घंटों पहले ही ली गई थीं।
यहां स्टेडियम में कुर्सियां भी ठीक नहीं हैं, कुर्सियां टूटी पड़ी हैं, स्टेडियम के अंदर पड़ा है, फिर भी फैंस हजारों की संख्या में आए, लेकिन स्टेडियम की यह बदइंतजामी बताती है कि बीसीसीआई या राज्य क्रिकेट बोर्ड घरेलू टूर्नामेंट को कितनी अहमियत दे रहे हैं। आपको बता दें कि आईपीएल 2026 का कोई भी मैच जयपुर के इस स्टेडियम में नहीं होगा। आखिर कौन इसका जिम्मेदार है?
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क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भारत से किया था लाइव कवरेज
अगर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से इसकी तुलना करें तो उनका कमिटमेंट ऐसा है कि, भारत में भी जब उनकी ए टीम आई थी तो यहां से कवरेज हो रहा था। ऑस्ट्रेलिया के लोकल चैनल्स Kayo Sports, Cricket.com.au पर इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच हुए मुकाबलों का कवरेज हो रहा था। भारत में लेकिन फैंस निराश हो रहे थे क्योंकि ना ही अनौपचारिक टेस्ट मैच को वह लाइव देख पाए थे और ना ही वनडे सीरीज को जिसमें श्रेयस अय्यर ने इंडिया ए की कप्तानी की थी।
यही दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड पर सवाल खड़े करता है। एक तरफ आप अपने विजन में घरेलू क्रिकेट को बढ़ावा देने की बात करते हैं। दूसरी तरफ आप खुद इसको फैंस तक नहीं पहुंचाते हैं। यह दोहरा मापदंड क्यों? यही कारण है कि लोग बोर्ड को घेर रहे हैं और भारत में होने वाले घरेलू क्रिकेट के भविष्य पर सवाल उठा रहे हैं। अब देखना होगा कि अभी आने वाले मैचों में विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 के मुकाबले फैंस देख पाते हैं या नहीं।
