भारत और बांग्लादेश की टीमें 9 फरवरी 2020 को दक्षिण अफ्रीका के पोचेफस्ट्रूम के सेनवेस पार्क में आईसीसी अंडर 19 वर्ल्ड कप के फाइनल में आमने-सामने होंगी। भारत ने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश ने न्यूजीलैंड को हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई है। भारत ने 4 फरवरी को खेले गए पहले सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 10 विकेट से हराया था। भारत की उस जीत में यशस्वी जायसवाल का बड़ा योगदान रहा था। उन्होंने 8 चौके और 4 छक्के की मदद से 113 गेंदों पर 105 रन की नाबाद पारी खेली थी।
भारतीय क्रिकेट के इस सबसे रोमांचकारी खिलाड़ी यशस्वी की दुनिया भर में तारीफ हो रही है। क्रिकेट जगत से लेकर राजनीति के गलियारों तक में उनकी चर्चा है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी उनकी प्रतिभा की कायल हो गईं हैं। वहीं शोएब अख्तर ने पाकिस्तानी बल्लेबाजों को उनसे सीख लेने तक की नसीहत दे डाली है। बहुत ही साधारण परिवार से आने वाले यशस्वी के भारतीय क्रिकेट में उदय होने की कहानी भी काफी अद्भुत है।
एक साक्षात्कार में उन्होंने खुद अपनी सफलता का राज खोला। यशस्वी ने अपना सपना सच करने के लिए 6 साल पहले यानी महज 11 साल की उम्र में घर छोड़ दिया था। वे तीन साल तक टेंट में रहे। डेयरी में काम किया। पेट की आग बुझाने के लिए पानी-पूरी बेची। यशस्वी ने बताया, ‘वहां पर काफी समस्या होती थीं, जैसे कि वहां पर न लाइट होती थी, न टॉयलेट होता था। मैं यही सोचता था कि हां चलो कोई बात नहीं बस मुझे क्रिकेट खेलना है और अच्छी प्रैक्टिस करनी है। स्माइल करके उन सब परेशानियों का सामना किया। बस सब खुशी-खुशी।’
बता दें कि 18 साल के यशस्वी जायसवाल 50 ओवर क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले सबसे कम के उम्र के बल्लेबाज भी हैं। यह रिकॉर्ड उन्होंने पिछले साल विजय हजारे ट्रॉफी वनडे टूर्नामेंट के दौरान बनाया था। तब उन्होंने झारखंड के खिलाफ मैच में 17 चौके और 12 छक्के की मदद से 149 गेंदों पर दोहरा शतक जड़ा था। वे केवी कौशल और संजू सैमसन के बाद डोमेस्टिक वनडे टूर्नामेंट में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज हैं।