भारत ने सन् 1983 और 2011 में वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया है। इनके अलावा भारत का सभी विश्व कप में प्रदर्शन लगभग शानदार ही रहा है। मगर क्या आपको याद है 1999 का वो विश्व कप जब जिम्बाब्वे जैसी फिसड्डी टीम ने भारत को वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता दिखा दिया था और इसके पीछे हाथ था उनके शानदार गेंदबाज हेनरी ओलंगा का, जिनकी करिश्माई बॉलिंग की बदौलत टीम इंडिया मैच को जीतने के करीब पहुंचकर भी हार गई।
ये मैच 8 मार्च को लीस्टर में खेला गया। पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे ने निर्धारित 50 ओवर में ग्रांट फ्लोर (45) और उनके भाई एंडी फ्लोर (68 नाबाद) की बदौलत 9 विकेट खोकर 252 रन बनाए। भारत की ओर से 51 रन अतिरिक्त के रूप में आए। जवागल श्रीनाथ, वेंकटेश प्रसाद और अनिल कुंबले ने 2-2 विकेट चटकाए। यहां से लगा कि जिम्बाब्वे जैसी कमजोर टीम के खिलाफ भारत मैच आसानी से जीत जाएगा।
टीम इंडिया की ओर से सलामी बल्लेबाज सौरभ गांगुली (9) जल्द अपना विकेट गंवा बैठे मगर सदागोप्पन रमेश (55) ने बेहतरीन पारी खेलते हुए शानदार स्कोर की नींव रखी। इस बीच अजय जडेजा (43) और रॉबिन सिंह (35) ने भी अहम योगदान दिया। ये वही मैच था, जिसे सचिन तेंदुलकर पिता की मौत के चलते नहीं खेल सके थे।
मैच में सचिन की कमी भी साफ देखने को मिली। भारत 219 रन पर अपने 7 विकेट गंवा चुका था। टीम को जीत के लिए 9 रन की जरूरत थी। जिम्बाब्वे के कप्तान ने 45वें ओवर में गेंद हेनरी ओलंगा को थमाई। पहली बॉल पर रॉबिन सिंह ने 2 रन के लिए दौड़ लगाई मगर अगली ही गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में कैच आउट हो गए।
भारत को अब जीत के लिए 7 रन की जरूरत थी और गेंदें थी 2 शेष। मैदान पर अनिल कुंबले आए और आते ही सिंगल लिया। अब स्ट्राइक श्रीनाथ के पास थी। चौथी बॉल पर श्रीनाथ ने 2 रन लिए। भारतीय फैंस को लगा कि मैच अब उनकी मुट्ठी में है। मगर पांचवीं गेंद पर श्रीनाथ बोल्ड।
अब भारत के लिए बेहद मुश्किल घड़ी आ गई थी। उसके पास सिर्फ एक ही विकेट बजा था। वेंकटेश प्रसाद बल्लेबाजी में अपने पूरे करियर में कुछ खास नहीं कर सके थे और यहां भी ऐसा ही हुआ और वेंकटेश अपनी पहली ही गेंद पर पगबाधा आउट। भारत इस मैच को 3 रन से हार चुका था और साथ ही टीम इंडिया इस वर्ल्ड कप से बाहर हो चुकी थी। हालांकि इसके बाद देश में काफी बवाल हुआ। जिन क्रिकटर्स के पोस्टर फैंस की दीवार में लगे होते थे अब उन्हें सड़कों पर फूंका जा रहा था। इस हार ने भारतीय क्रिकेट टीम को बेहद शर्मिंदा कर दिया था और इन सबके पीछे हाथ था हेनरी ओलंगा का।