विदर्भ ने रणजी ट्रॉफी 2018-19 के फाइनल में सौराष्ट्र को 78 रन से हराकर लगातार दूसरी बार इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया। मैच के हीरो आदित्य सरवटे ने गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया और जीत विदर्भ की झोली में डाल दी। आदित्य ने पहली पारी में 5 जबकि दूसरी पारी में 6 विकेट झटके। वहीं दूसरी पारी में उन्होंने 47 रन की अहम पारी खेली।
नागपुर में खेले गए रणजी ट्रॉफी 2018-19 के फाइनल में विदर्भ ने पहली पारी में 312 रन बनाए। इसके जवाब में सौराष्ट्र स्कोर बोर्ड पर 307 का स्कोर खड़ा। दूसरी पारी में विदर्भ ने 200 रन बनाते हुए सौराष्ट्र को जीत के लिए 206 रन का लक्ष्य दिया, लेकिन सौराष्ट्र की पूरी टीम 58.4 ओवर में महज 127 रन पर ढेर हो गई। इसके साथ ही विदर्भ ने लगातार दूसरी बार रणजी खिताब पर कब्जा कर लिया। भारत के स्टार टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा इस मैच में कोई कमाल नहीं दिखा सके।
Five-fers in each inngs in #RanjiTrophyFinal
JB Khot (1941/42)
CS Nayudu (1942/43, 1944/45, 1945/46)
PK Shivalkar (1972/73)
AM Ismail (1975/76)
BS Chandrasekhar (1977/78)
AA SARWATE (2018/19)#VIDvSAU— Deepu Narayanan (@deeputalks) February 7, 2019
वहीं आदित्य सरवटे की अगर बात करें तो उन्होंने 41 साल बाद एक खास उपलब्धि हासिल की है। रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच की दोनों पारियों में 5 से ज्यादा विकेट लेकर सरवटे ने 41 साल बाद इस कारनामे को दोहराया है। उनसे पहले 1977-78 में बीएल चंद्रशेखर ने यह कारनामा किया था। वहीं, रणजी के इतिहास में यह छठी बार हुआ है जब फाइनल मैच में किसी गेंदबाज ने दोनों पारियों में 5 से ज्यादा विकेट चटकाए हों।