झारखंड क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज वरुण एरोन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि वह राजस्थान के खिलाफ झारखंड के साथ चल रहे रणजी मैच के बाद अपने रेड-बॉल करियर को अलविदा कह देंगे। इस तेज गेंदबाज ने स्वीकार किया कि उनका शरीर लंबे प्रारूप में अब गेंदबाजी करने की इजाजत नहीं दे रहा है जिसमें वह पिछले 15 साल से खेल रहे हैं।

शरीर नहीं दे रहा इजाजत

झारखंड रणजी ट्रॉफी 2024 के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में विफल रहा और सीजन का अपना अंतिम मैच जमशेदपुर के कीनन स्टेडियम में खेल रहा है। टीम 6 मैचों में केवल 1 जीत हासिल कर सकी और अंक तालिका के एलीट ग्रुप ए में 7वें स्थान पर रही। वरुण ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए कहा कि मैं साल 2008 से लाल गेंद क्रिकेट खेल रहा हूं और तेज गेंदबाज होने के कारण मुझे कई चोटें भी लगी। अब मैं समझता हूं कि मेरा शरीर मुझे लाल गेंद क्रिकेट में तेज गेंदबाजी जारी रखने की इजाजत नहीं देगा और इसलिए मैंने इसे छोड़ने का फैसला किया।

34 साल के वरुण ने कहा कि यह मेरे परिवार और जमशेदपुर के लोगों के सामने मेरा आखिरी मैच हो सकता है। मैंने अपना करियर यहीं से शुरू किया था इसलिए यह मेरे लिए काफी भावनात्मक है। उन्होंने कहा कि गेंदबाजी करते समय मैं अपनी गति पर विशेष ध्यान देता हूं, लेकिन आपको अपने शरीर को भी समझने की जरूरत है। वरुण ने साल 2008 में जम्मू-कश्मीर के खिलाफ रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया था। इसके बाद उन्होंने साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था।

वरुण अपनी तेज गति की वजह से भारत के लिए होनहार युवा प्रतिभाओं में से एक बनकर उभरे थे, लेकिन उनका करियर इंजरी की वजह से काफी प्रभावित रहा और भारत के लिए उन्होंने आखिरी मैच साल 2015 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेला था। उन्होंने भारत के लिए 9 टेस्ट मैच खेले और 18 विकेट लिए जबकि 9 वनडे मैचों में उन्होंने 11 विकेट लिए। चोटों से लगातार जूझने के बावजूद उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखा। उन्होंने 2018 इंग्लिश काउंटी सीजन में लीसेस्टरशायर का प्रतिनिधित्व किया और रणजी ट्रॉफी खेलों में झारखंड के लिए भी खेला। 65 प्रथम श्रेणी मैचों में वरुण ने 33.74 की औसत से 168 विकेट लिए और छह बार 5 विकेट अपने नाम किए।