भारतीय बैडमिंटन टीम के विदेशी युगल कोच मथियास बो चाहते हैं कि भारतीय खिलाड़ी मिश्रित टीम फाइनल में हार के बाद की नाराजगी का इस्तेमाल राष्ट्रमंडल खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धाओं में सफलता हासिल करने के लिए करें। गत चैंपियन भारत पांच बार के चैंपियन मलेशिया के खिलाफ 1-3 से हार गया और उसे रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

बो ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हमारे में से कोई भी सिर्फ रजत पदक जीतकर संतुष्ट होगा। हम टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीतने के लक्ष्य के साथ आए थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए अब सब कुछ व्यक्तिगत स्पर्धाओं पर निर्भर करता है।’ उन्होंने कहा, ‘उम्मीद करते हैं कि इससे जब वे व्यक्तिगत स्पर्धाओं में उतरेंगे तो उनके अंदर कुछ अधिक नाराजगी होगी।’बो ने कहा, ‘जीत के बाद नई शुरुआत करना हमेशा मुश्किल होता है क्योंकि विफलता की संभावनाएं अधिक होती हैं।

अब हम हारकर आए हैं इसलिए मेरे खिलाड़ी भूखे होंगे और पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए तैयार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमें इस हार को पचाने की जरूरत है, दोबारा तैयार होना होगा और फिर अगले कुछ दिन में दोबारा शुरुआत करने पर अपना सब कुछ झोंकना होगा।’ मलेशिया के खिलाफ दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू ही जीत दर्ज कर पार्इं। पुरुष एकल में फॉर्म में चल रहे लक्ष्य सेन पर किदांबी श्रीकांत को तवज्जो देने का फैसला गलत साबित हुआ और दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी को अपने से कम रैंकिंग वाले एनजी योंग टीजे के खिलाफ तीन गेम में शिकस्त का सामना करना पड़ा।

सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल जोड़ी को भी टेंग फोंग आरोन चिया और वूई यिक सोह की तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता जोड़ी के खिलाफ हार झेलनी पड़ी। बो ने कहा, ‘हमारे पास 10 काफी अच्छे खिलाड़ियों की मजबूत टीम है। श्रीकांत शानदार पुरुष एकल खिलाड़ी है, सात्विक/चिराग की पुरुष युगल जोड़ी काफी अच्छी है और त्रीशा तथा गायत्री काफी अच्छी युगल खिलाड़ी हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं टीम में शामिल अपने खिलाड़ियों पर भरोसा करता हूं। हमें लगता है कि आज हमने जो टीम चुनी वह सबसे मजबूत थी।