यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पर लगा निलंबन तत्काल प्रभाव से हटा लिया है। निलंबन हटने का मतलब है कि भारतीय पहलवान यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग की प्रतियोगिताओं में देश के झंडे (तिरंगे) के नीचे प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। UWW ने पिछले साल 23 अगस्त को WFI को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था, क्योंकि भारतीय कुश्ती महासंघ तय समय पर चुनाव कराने में विफल रहा था।
यूडब्ल्यूडब्ल्यू की ओर से जारी बयान में कहा गया, UWW ब्यूरो ने 9 फरवरी 2024 को निलंबन की समीक्षा के लिए बैठक की और कुछ शर्तों के तहत निलंबन हटाने का फैसला किया। उदाहरण के तौर पर WFI को अपने एथलीट आयोग के चुनाव फिर से आयोजित करने होंगे।
किसी के साथ नहीं होना चाहिए भेदभाव: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को तुरंत लिखित गारंटी देनी होगी कि सभी पहलवानों को डब्ल्यूएफआई के सभी आयोजनों, विशेष रूप से ओलंपिक खेलों और किसी भी अन्य प्रमुख राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए बिना किसी भेदभाव के हिस्सा लेने देने के लिए विचार किया जाएगा।
एथलीट आयोग के चुनाव भी कराने होंगे: यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग
इसमें वे तीन एथलीट (विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक) भी शामिल हैं जिन्होंने पूर्व अध्यक्ष (बृजभूषण शरण सिंह) के कथित गलत कामों का विरोध किया था। विश्व संस्था ने डब्ल्यूएफआई से अपने एथलीट आयोग के चुनाव फिर से आयोजित कराने को भी कहा है।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग पहलवानों के संपर्क में है और आने वाले दिनों में उनसे फॉलो-अप लेता रहेगा। बयान में कहा गया, यूडब्ल्यूडब्ल्यू अनुशासनात्मक चैंबर (पिछले साल 23 अगस्त को) ने फैसला किया था कि उसके पास संस्था पर निलंबन लगाने के लिए पर्याप्त आधार हैं क्योंकि महासंघ में कम से कम छह महीने तक यही स्थिति (चुनाव नहीं) बनी रही।
यह निलंबन कथित यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के कार्यों के लिए तत्कालीन डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद लगाया गया था। बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़क पर उतर आए थे और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाते हुए उन्हें अक्सर रोते हुए देखा गया था। इस संबंध में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अदालत में मामला विचाराधीन है।