भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे में खेले जा रहे पहले टेस्ट के पहले दिन कंगारू बल्लेबाज़ों ने भारतीय गेंदबाजों के सामने डटकर खेलने की कोशिश तो की, लेकिन वो इसमें असफल रहे। मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए डेविड वॉर्नर और मैट रेनशॉ की आॅस्ट्रेलियाई सलामी जोड़ी ने अर्धशतकीय साझेदारी करते हुए अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दिलायी और 82 रन तक कोई विकेट नहीं गिरने दिया। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मैच की शुरुआत से ही स्पिन गेंदबाजों पर भरोसा दिखाया और आर अश्विन ने इशांत शर्मा के साथ गेंदबाजी की अगुवाई की। इस बीच जयंत यादव और रवींद्र जडेजा को भी कोहली ने आजमा लिया।
भारत को पहले विकेट के लिए 28वें ओवर तक इंतजार करना पड़ा और इस मैच में पहली बार गेंदबाजी करने आए उमेश यादव ने डेविड वॉर्नर को बोल्ड कर कप्तान विराट कोहली को राहत पहुंचाया। उमेश की फुल लेंथ गेंद डेविड वॉर्नर के बल्ले का किनारा लेते हुए विकेटों में समा गई और इस तरह भारत को पहली सफलता मिली। डेविड वॉर्नर 38 रन बनाकर आउट हुए। टेस्ट क्रिकेट में यह पांचवां मौका है जब वॉर्नर को उमेश यादव ने अपना शिकार बनाया है। यह आंकड़ा 10 पारियों का है। वॉर्नर के अलावा ऑस्ट्रेलिया के शॉन मॉर्श को भी उमेश यादव पांच बार आउट कर चुके हैं।
पुणे में उमेश यादव ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आठवां टेस्ट खेल रहे हैं। दिसंबर 2011 में खेले गए मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में उमेश की गेंद पर वॉर्नर (37) को विकेटकीपर धोनी ने कैच किया था, इस टेस्ट की दूसरी पारी में भी वॉर्नर (5) यादव का ही शिकार बने थे। दिसंबर 2014 में ब्रिस्बेन टेस्टट में भी पहली पारी में वॉर्नर (29) यादव का शिकार बने थे। इसी वर्ष मेलबर्न टेस्ट में भी यादव ने वॉर्नर को आउट किया था, इस पारी में वॉर्नर अपना खाता भी नहीं खोल पाए थे। बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया के एकमात्र टेस्ट मैच के दौरान शाकिब अल हसन ने कहा था कि उमेश यादव का स्पैल उनका अब तक टेस्ट करियर का सबसे कठिन स्पैल रहा। विदर्भ का यह गेंदबाज 140 किलोमीटर से अधिक की रफ्तार से गेंद फेंकता है और गेंद को विकेट के दोनों ओर स्विंग कराने के साथ रिवर्स स्विंग कराने में माहिर है।
