यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस का काफी विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (FIFA) ने भी रूस पर कई पाबंदियां लगाते हुए आगामी वर्ल्ड कप से बाहर करने की चेतावनी भी दी है। रूसी फुटबॉलर्स वर्ल्ड कप में हिस्सा तो ले सकते हैं लेकिन देश का नाम, देश का झंडा और राष्ट्रगान का प्रयोग नहीं कर सकते हैं।
आपको बता दें कि छह क्षेत्रीय फुटबॉल परिसंघों के अध्यक्षों की मौजूदगी वाले फीफा ब्यूरो ने सर्वसम्मत फैसले में कहा कि, फुटबॉल यूनियन आफ रूस के रूप में खेल रही टीम के साथ रूस के ध्वज और राष्ट्रगान को नहीं जोड़ा जा सकता। इससे पहले रूस में किसी भी तरह के इंटरनेशनल फुटबॉल मैच के आयोजन पर भी रोक लगा दी गई थी।
रविवार को फीफा के टॉप लीडर्स ने रूस पर से पूरी तरह का बैन हटाते हुए उस पर पाबंदियां लगाने का फैसला लिया था। इस फैसले के मुताबिक, रूस को न्यूट्रल वेन्यू और बिना दर्शकों के ही खेलने की अनुमति दी गई थी। साथ ही रूसी फुटबॉलर्श को नाम बदलने के साथ-साथ, राष्ट्रीय झंडे और राष्ट्रगान के बिना ही खेलने को कहा गया था।
फीफा पर अन्य देशों ने साधा निशाना
वहीं रूस को इस टूर्नामेंट से पूरी तरह बैन नहीं करने के लिए फीफा को अन्य देशों की आलोचनाएं भी झेलनी पड़ रही हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले पर फीफा के कदम का विरोध करते हुए पोलैंड ने कहा कि, वह अब भी 24 मार्च को होने वाले विश्व कप प्ले आफ सेमीफाइनल में रूस के खिलाफ खेलने से इनकार करेगा।
यूरोपीय फुटबॉल की संचालन संस्था यूएफा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और स्वीडन महासंघ के अध्यक्ष कार्ल एरिक नीलसन ने एक वेबसाइट से कहा कि वह फीफा के फैसले से संतुष्ट नहीं है और उन्हें ‘कड़े रवैये’ की उम्मीद थी। चेक गणराज्य ने भी कहा कि, फीफा के इस फैसले से रूस के साथ नहीं खेलने का उनका फैसला नहीं बदलेगा।
इसके अलावा इंग्लिश फुटबॉल संघ ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और बोला है कि, उसकी राष्ट्रीय टीम भविष्य में रूस से खेलने के लिए इनकार करेंगी। रूस ने महिला यूरोपीय चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है जिसकी मेजबानी इंग्लैंड को जून में करनी है। गौरतलब है कि रूस और पोलैंड के बीच प्ले आफ के विजेता को स्वीडन और चेक गणराज्य के बीच 29 मार्च को होने वाले मैच के विजेता से खेलना होगा।
इसके बाद फैसला होगा कि कतर में 21 नवंबर से 18 दिसंबर तक होने वाले विश्व कप के लिए कौन सी टीम क्वालीफाई करेगी। फीफा विश्व कप के कड़े नियमों के तहत अगर पोलैंड, स्वीडन और चेक गणराज्य के महासंघ रूस से नहीं खेलते हैं तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई और जुर्माने तथा मुआवजे का सामना करना पड़ सकता है।