भारत के पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने वनडे फॉर्मेट में दो नई गेंदों के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि यह इस खेल के लिए सर्वनाश की रेसिपी है। मास्टर ब्लास्टर की यह टिप्पणी इंगलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हो रहे मुकाबलों को लेकर आई हैं। बता दें कि इस वक्त इंग्लैंड में दोनों ही टीमों के बीच पांच वनडे सीरीज खेली जा रही है। पिछले दो मैचों में दो गेंदों का इस्तेमाल किया गया, जिसके कारण गेंद को अधिक स्विंग खाने का मौका नहीं मिल पाया था।

टि्वटर पर उन्होंने इस बारे में लिखा, “वनडे मैच में दो नई गेंदें सर्वनाश की रेसिपी जैसी हैं, क्योंकि गेंदों को इस तरह से मैदान पर अधिक समय नहीं मिलेगा। न ही वे पुरानी होंगी और घूम (गेंट कटना) पाएंगी। हमें लंबे समय से अभी तक रिवर्स स्विंग नहीं को नहीं मिली है। खासकर डेथ ओवर्स में।”

इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में छह विकेट के नुकसान पर 481 रन बनाए थे। ऐसा कर टीम ने अपना ही पिछला विश्व रिकॉर्ड तोड़ा, जिसमें उसने पाकिस्तान के खिलाफ 444 रन ठोंके थे। वनडे में अधिक रन बनने के पीछे बड़ी वजह दो गेंदों का इस्तेमाल माना जा रहा है। चूंकि गेंद पुरानी होने पर वह पिच पर स्विंग खाती है, जिससे गेंदबाजों को फायदा मिलता है।

वहीं, बल्लेबाजों को इस तरह की गेंदें खेलने में काफी जद्दोजहद होती है। मगर हाल के मैचों में दो गेंदों के इस्तेमाल से गेंदबाजों के सामने स्विंग गेंदें फेंकने में दिक्कतें आईं। यही नहीं, अगले मुकाबले (चौथे) में इंग्लैंड ने 45 ओवरों के भीतर ही 312 रन के लक्ष्य का पीछा कर लिया था, जिस पर पूर्व पाकिस्तानी गेंदबाज वकार यूनिस ने भी सचिन की बात का समर्थन किया।

यूनिस ने तेंदुलकर को जवाब देते हुए ट्वीट किया, “हम क्यों नहीं आक्रामक तेज गेंदबाज पैदा कर पा रहे हैं…उन सभी की अप्रोच डिफेंसिव है…वे हमेशा बदलाव की फिराक में रहते हैं। मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं, सचिन। रिवर्स स्विंग लगभग गायब ही हो गई है।”

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने अक्टूबर 2011 में खेल नियमों में संशोधन किए थे। वनडे मैचों में तब दो गेंदों के इस्तेमाल की बात भी इसमें शामिल की गई थी। रोचक बात है कि बीसीसीआई ने तब इस नियम के आने पर उस तर्क का विरोध किया था, जिसमें कहा गया था कि नए नियम से स्पिनर्स के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। हालांकि, आईसीसी ने तब उस नियम को संशोधन के अंतर्गत मंजूरी दे दी थी।