अपने मजेदार ट्विट्स के लिए मशहूर पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि उनके ट्वविट्स को इतनी अटेंशन इसलिए मिलती है, क्योंकि वह किसी से नहीं डरते हैं और वही कहते हैं जो उनके दिन में होता है। चाणक्यपुरी के नेहरू पार्क में आयोजित हिंदुस्तान टाइम्स पेलेट फेस्ट और हिंदुस्तान टाइम्स इमेजिन फेस्ट में उन्होंने कहा, अब मुझे किसी का डर नहीं है, न बीसीसीआई का, न ही मैच फीस पर जुर्माना या मैच खेलने पर बैन लगाने वाले मैच रेफरी का। ट्विटर ही मेरा मैदान है और मुझे वहां लोगों के बारे में लिखने में मजा आता है।
जब उनसे पूछा गया कि उनका सबसे मजेदार ट्रोल कौन सा था तो उन्होंने कहा कि उन्हें ब्रिटिश जर्नलिस्ट पियर्स मोर्गन को ट्रोल करने में मजा आया था, क्योंकि वह भारत के खिलाफ कुछ नहीं सुन सकते। बता दें कि मोर्गन ने कहा था कि 1.2 बिलियन की आबादी वाले देश भारत के लिए सिर्फ दो ओलिंपिक मेडल लाना शर्मनाक है। सहवाग ने मोर्गन को करारा जवाब देते हुए कहा कि जिन इंग्लैंड ने क्रिकेट को जन्म दिया, उसने कभी विश्व कप तक नहीं जीता, यह भी शर्मनाक है।
जब उनके पूछा गया कि जब वह आउट अॉफ फॉर्म होते थे या उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया जाता था, तो वह उस प्रेशर से कैसे निपटते थे। इसके जवाब में सहवाग ने कहा कि वह खुद को खेल से बाहर निकालकर अपना समय परिवार और फिल्में देखकर बिताते थे। उन्होंने कहा, हमें बहुत ज्यादा भी कोशिश नहीं करनी चाहिए। जब मुझे टीम इंडिया से ड्रॉप कर दिया गया था, मैं कभी क्रिकेट की प्रैक्टिस नहीं करता था। मुझे पता था कि मुझे अपना खेल वापस पाने के लिए रिलैक्स होने की जरूरत है और यह काम करता है।
टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक बनाने वाले दुनिया के चार बल्लेबाजों में से एक सहवाग कहते हैं, जब मुझे 2013 में टीम से ड्रॉप कर दिया गया था, तो मैंने सोचा कि मैं वापसी करूंगा और 2015 तक खेलूंगा, लेकिन एेसा नहीं हुआ। वह कहते हैं कि मुझे कमेंटेटर का काम पसंद है।
सहवाग और मोर्गन के बीच ट्विटर पर बातचीत:


