पंजाब किंग्स (PBKS) में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। टीम के मालिकों के बीच विवाद छिड़ गया है। टीम की सह-मालकिन प्रीति जिंटा अदालत पहुंच गईं हैं। उन्होंने टीम के सह निदेशकों मोहित बर्मन और नेस वाडिया के खिलाफ चंडीगढ़ की एक अदालत में लीगल केस दायर किया है। यह मामला ऐसे समय सामने आया है, जब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 में टीम शानदार फॉर्म में है।

श्रेयस अय्यर की अगुआई में पंजाब किंग्स प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई कर चुकी है। उसके 12 मैच में 17 अंक हैं और वह आईपीएल 2025 की अंक तालिका में तीसरे स्थान पर है। उसके अभी दो मुकाबले बाकी हैं। उसे अब 24 मई को दिल्ली कैपिटल्स और 26 मई को मुंबई इंडियंस से भिड़ना है। मुंबई इंडियंस भी आईपीएल 2025 प्लेऑफ के लिए क्वालिफाई कर चुकी है।

दिल्ली कैपिटल्स बाहर हो चुकी है। पंजाब किंग्स की नजर दोनों मैच जीतकर अंक तालिका में शीर्ष पर रहते हुए नॉकआउट चरण में प्रवेश करने पर है। आईपीएल 2014 के बाद से यह पहली बार है जब पंजाब प्लेऑफ में पहुंची है। अब उसकी नजर खिताब का सूखा खत्म करने और अपनी पहली आईपीएल ट्रॉफी जीतने पर होगी।

विशेष आम बैठक की वैधता को दी चुनौती

प्रीति जिंटा की ओर से दायर याचिका में 21 अप्रैल को आयोजित विशेष आम बैठक की वैधता को चुनौती दी गई है। आरोप लगाया गया है कि टीम के अन्य सह निदेशकों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बैठक की। बॉलीवुड स्टार प्रीति जिंटा, मोहित बर्मन और नेस वाडिया केपीएच ड्रीम क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं। यही कंपनी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की फ्रेंचाइजी पीबीकेएस (पंजाब किंग्स) की मालिक है।

समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रीति जिंटा ने कहा है कि 21 अप्रैल को आयोजित ईजीएम (विशेष आम बैठक) में कंपनी अधिनियम, 2013 और अन्य सचिवीय नियमों के तहत उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। अभिनेत्री और कारोबारी प्रीति जिंटा ने दावा किया है कि उन्होंने 10 अप्रैल को एक ईमेल के माध्यम से बैठक पर आपत्ति जताई थी, लेकिन संदेश को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहित बर्मन ने नेस वाडिया के समर्थन से बैठक आयोजित की थी।

मुनीश खन्ना को निदेशक बनाने का किया विरोध

हालांकि, प्रीति जिंटा और साथी निदेशक करण पॉल बैठक में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने इसे अवैध घोषित करने के लिए अदालत में याचिका दायर की है। उठाया गया एक प्रमुख मुद्दा मुनीश खन्ना को निदेशक के रूप में नियुक्त करना है। यह एक ऐसा कदम है, जिसका प्रीति जिंटा और करण पॉल दोनों ने विरोध किया।

प्रीति जिंटा ने अपनी याचिका में मुनीश खन्ना को निदेशक के रूप में काम करने से रोकने और उस बैठक के दौरान लिए गए किसी भी फैसले को लागू करने से रोकने के लिए कंपनी को आदेश देने की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अदालत से अनुरोध किया है कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक कंपनी को आगे बोर्ड या आम बैठकें आयोजित करने से रोक दिया जाए, जब तक कि वह और करण पॉल दोनों मौजूद न हों और मुनीश खन्ना को बाहर रखा जाए।