ट्रैक एशिया कप साइकलिंग चैंपियनशिप बुधवार से इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स परिसर स्थित इंडोर साइक्लिंग वेलोड्राम में होगी। भारतीय साइक्लिंग महासंघ (सीएफआइ) ने इसकी मेजबानी की है। मुकाबले शुक्रवार को खत्म होंगे। ट्रैक एशिया कप का यह दूसरे संस्करण है। इस चैंपियनशिप के जरिए भारत की नजरें जनवरी में होने वाले विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई करने पर लगी होंगी। सीएफआइ के महासचिव ओंकार सिंह के मुताबिक इस प्रतियोगिता में दस देशों की 13 टीमें हिस्सा लेंगी और मेजबान भारत अपनी तीन टीमों के जरिए प्रतियोगिता में मजबूत चुनौती रखेगा। ट्रैक एशिया कप में एक महाद्वीपीय टीम अस्ताना को भी प्रविष्टि दी गई है।

ओंकार ने कहा कि ट्रैक एशिया कप इंटरनेशनल साइक्लिंग यूनियन (यूसीआइ) की क्लास वन ग्रेड स्पर्धा है और यह प्रतियोगिता ओलंपिक क्वालिफायर का भी एक हिस्सा है। यह चैंपियनशिप जनवरी में हांगकांग में होने वाली विश्व प्रतियोगिता के लिए भी क्वालिफायर है। इस प्रतियोगिता में मिलने वाले अंकों से साइक्लिस्ट की व्यक्तिगत रैंकिंग में इजाफा होगा। विश्व चैंपियनशिप रियो ओलंपिक के लिए पहला क्वालिफायर टूनार्मेंट था और उसके मद्देनजर यह एशिया कप विश्व चैंपियनशिप में जगह बनाने के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। प्रतियोगिता में मेजबान भारत के अलावा कजाखिस्तान, हांगकांग, कोरिया, उज्बेकिस्तान, बंगलादेश, थाईलैंड, ईरान, यूएई और नेपाल की टीमें हिस्सा ले रही हैं। प्रतियोगिता में कुल 150 साइक्लिस्ट उतरेंगे। ओंकार ने बताया कि भारत की राष्ट्रीय टीम के अलावा साई नेशनल साइक्लिंग अकादमी और सीएफआइ की टीमें भी देश की तरफ से उतरेंगी। उन्होंने कह कि राष्ट्रीय टीम के अलावा दो अतिरिक्त टीमें उतारने के पीछे हमारा मकसद देश के युवा साइक्लिस्टों को अंतरराष्ट्रीय साइक्लिस्टों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का अनुभव प्रदान करना है।

ओंकार ने कहा कि हमारे साइक्लिस्टों ने इस टूनार्मेंट के लिए कड़ी मेहनत की है और मुझे विश्वास है कि वे घरेलू दर्शकों के सामने अच्छा प्रदर्शन कर पदक हासिल करेंगे। सीएफआइ इस खेल को देश में प्रोत्साहित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और यही कारण है कि हमने दो अतिरिक्त टीमें भी उतारी हैं। हम देश में साइक्लिंग का स्तर ऊंचा करने के लिए अपने कोचों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के हिसाब से प्रशिक्षित करा रहे हैं ताकि वे खिलाड़ियों को उसी स्तर की ट्रेनिंग दे सकें। भारत ने ट्रैक एशिया कप के पहले संस्करण की मेजबानी 2014 में की थी जिसमें चार देशों ने हिस्सा लिया था। इस बार यह संख्या दस देशों के साथ साथ एक महाद्वीपीय टीम तक पहुंच गई है। हांगकांग के फ्रेडरिक चान को प्रतियोगिता का मुख्य कमिश्नर नियुक्त किया गया है। टूनार्मेंट के दौरान दर्शकों के लिए प्रवेश मुफ्त रहेगा ताकि वे बड़ी संख्या में पहुंचकर भारतीय साइक्लिस्टों का उत्साह बढ़ा सकें

भारत की 20 सदस्यीय राष्ट्रीय टीम प्रतियोगिता में एमई, डब्ल्यूई, एमजे और डब्ल्यूजेके सभी वर्गों में अपनी चुनौती पेश करेगी। प्रतियोगिता में कोरिया, कजाखिस्तान, ईरान और हांगकांग प्रबल दावेदार रहेंगे। भारतीय चुनौती का दारोमदार महिला साइक्लिस्ट देबोराह पर रहेगा जिन्होंने ताइवान और बैंकाक में हुए ट्रैक एशिया कप के पिछले दो संस्करणों में कई पदक जीते थे। भारत को पुरुषों और महिलाओं की स्प्रिंट टीमों से भी उम्मीदें रहेंगी। देबोराह कुछ साल पहले अंडमान और निकोबार में आइ सुनामी से बचकर निकलीं थी। देबोराह के अलावा बैंकाक में स्वर्ण जीतने वाले साहिल कुमार, अमरजीत सिंह नागी और अरविंद पंवार से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।

ओंकार ने बताया कि देबोराह को सीएफआइ ने जूनियर स्तर पर चुना था और वे अब सीनियर वर्ग के अपने पहले ही वर्ष में टाइम ट्रायल की अपनी विश्व रैंकिंग में दसवें नंबर पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए अभी यह कह पाना मुश्किल है कि रियो ओलंपिक के लिए हमारे कितने साइक्लिस्ट क्वालिफाई कर पाएंगे। लेकिन हमारा लक्ष्य है कि इस टूनार्मेंट में हमारे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करें और ज्यादा से ज्यादा अंक बटोरकर विश्व चैंपियनशिप का टिकट हासिल करें।