भाविनाबेन पटेल न सिर्फ पैरालंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बनीं, बल्कि उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत का एक पदक भी पक्का कर दिया। वहीं, तीरंदाज राकेश कुमार ने 720 में से 699 अंक बना इन खेलों में पुरुषों के ओपन वर्ग के रैंकिंग दौर में तीसरा स्थान हासिल किया।
भाविनाबेन पटेल ने शुक्रवार को पैरालंपिक के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बनने के साथ ही टोक्यो पैरालंपिक खेलों के महिला एकल क्लास चार वर्ग में पदक पक्का कर लिया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में विश्व की पांचवी रैंकिंग की खिलाड़ी बोरिस्लावा पेरिच रांकोविच पर प्रभावशाली जीत दर्ज की। 34 साल की भारतीय खिलाड़ी ने सर्बिया की खिलाड़ी को 18 मिनट तक चले मैच में 11-5 11-6 11-7 शिकस्त दी।
सेमीफाइनल में उनका सामना चीन की झांग मियाओ से होगा लेकिन अंतिम चार में पहुंचते ही उनका पदक पक्का हो गया। टोक्यो पैरालंपिक टेबल टेनिस में कांस्य पदक प्ले-ऑफ मुकाबला नहीं होगा। सेमीफाइनल में हारने वाले दोनों खिलाड़ियों को कांस्य पदक मिलेगा। भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने ट्विटर पर जारी वीडियो में कहा, ‘यह निश्चित है कि हम उन्हें एक पदक जीतते हुए देखेंगे। कल सुबह के मैच (सेमीफाइनल) से यह तय होगा कि वह किस रंग का पदक जीतेंगी।’
अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) की संचालन समिति ने 2017 में अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ के उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया था जिस में सभी पदक स्पर्धाओं में तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ को हटाने और हारने वाले दोनों सेमीफाइनलिस्ट को कांस्य पदक देने की मांग की गई थी।
इससे पहले भाविनाबेन पटेल ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में महिला एकल क्लास 4 वर्ग में ब्राजील की जॉयस डि ओलिवियरा को हराने के साथ ही इतिहास रचा था। वह पैरालंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली टेबल टेनिस खिलाड़ी बनी थीं। उन्होंने प्री-क्वार्टर फाइनल में ब्राजील की जॉयस डि ओलिवियरा पर 12-10, 13-11, 11- 6 से जीत दर्ज की।
उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले के बाद कहा, ‘मैं भारत के लोगों के समर्थन के कारण अपना क्वार्टर फाइनल मैच जीत पाई। कृपया मेरा समर्थन करते रहें ताकि मैं अपना सेमीफाइनल मैच भी जीत सकूं।’ भाविनाबेन पटेल से पहले भारत की टेबल टेनिस खिलाड़ी सोनलबेन मनुभाई पटेल दोनों ग्रुप मैच हारकर बाहर हो गई थीं।
वहीं, भारतीय कंपाउंड तीरंदाज राकेश कुमार ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने 720 में से 699 अंक बनाकर पैरालंपिक खेलों में पुरुषों के ओपन वर्ग के रैंकिंग दौर में तीसरा स्थान हासिल किया। पुरुषों के रिकर्व ओपन वर्ग में 2019 के एशियाई पैरा चैंपियनशिप विजेता विवेक चिकारा शीर्ष दस में रहे।
दुनिया के 11वें नंबर के तीरंदाज राकेश ने इस साल दुबई में पहले विश्व रैंकिंग टूर्नामेंट में व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण जीता था। वह दूसरे स्थान पर रहने से मामूली अंतर से चूक गए। ईरान के रमेजान बियाबानी का स्कोर भी 699 था, लेकिन बीचोंबीच अधिक तीर चलाने के कारण वह पिछड़ गए। राकेश ने 53 बार परफेक्ट 10 स्कोर किया, जबकि ईरानी तीरंदाज ने 18 बार यह कमाल किया।
भारत के श्याम सुंदर स्वामी 682 अंक लेकर 21वें स्थान पर रहे। पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला तीरंदाज ज्योति बालियान कंपाउंड ओपन वर्ग में 15वें स्थान पर रहीं। एशियाई पैरा चैंपियनशिप 2019 में टीम रजत पदक विजेता ज्योति ने 671 स्कोर किया। उन्हें और राकेश को मिश्रित युगल ओपन वर्ग में छठी रैंकिंग मिली है। वे थाईलैंड के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेंगे।
पुरुषों के रिकर्व ओपन वर्ग में चिकारा 609 अंक लेकर शीर्ष 10 में रहे। उन्होंने 20 बार परफेक्ट 10 स्कोर किया, जबकि 2018 पैरा एशियाई खेल चैंपियन हरविंदर सिंह शीर्ष 20 से बाहर रहे।
ओपन श्रेणी में व्हीलचेयर और स्टैंडिंग दोनों वर्ग होते हैं। पैरों में विकार वाले खिलाड़ी व्हीलचेयर पर बैठकर निशाना लगा सकते हैं। इसमें सहायक उपकरणों का इस्तेमाल विकार के आधार पर किया जा सकता है। इसके साथ ही कमान के तार को मुंह से खींचकर भी निशाना लगाने की अनुमति रहती है।