हांगझू एशियन गेम्स 2023 में सोमवार, 25 सितंबर को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने गोल्ड जीतकर इतिहास रचा। इस जीत में बंगाल की युवा तेज गेंदबाज तितास साधु ने अहम भूमिका निभाई। बंगाल की बेटी तितास ने अपने दूसरे ही मैच दिखा दिया कि वह अपनी मेंटर और भारत की दिग्गज महिला क्रिकेटर झूलन गोस्वामी की जगह लेने को तैयार हैं। पिछले साल संन्यास लेने वालीं झूलन ने काफी सालों तक भारत की पेस बैटरी की कमान संभाली। वह भारत के शुरुआती झटके दिलाती थीं। तितास साधु ने यह काम एशियन गेम्स के फाइनल में किया।

5-8 इंच की तितास साधु ने एशियन गेम्स में महिला क्रिकेट के गोल्ड मेडल मैच में अपनी पहली ही गेंद पर अनुष्का संजिवनी को आउट किया। इसके बाद उन्होंने इसी ओवर में विश्मी गुणारत्ने को आउट किया। इसके बाद उन्होंने अगले ओवर में चमारी अट्टापट्टू का बड़ा विकेट लिया। उन्होंने 4 ओवर में 6 रन देकर 3 विकेट झटके। तितास साधु ने एथलेटिक्स और फुटबॉल से क्रिकेट की ओर रुख किया। स्कोरर की भूमिका निभाते हुए उनको क्रिकेट से लगाव हुआ।

झूलन गोस्वामी की तरह इनस्विंगर करने का प्रयास

तितास साधु से पिता राणादीप साधु ने द इंडियन एक्स्पेरस को बताया, “बंगाल के किसी भी क्रिकेटर की तरह, तितास भी झूलन गोस्वामी और रुमेली धर (ऑलराउंडर और मध्यम तेज गेंदबाज) को अपना आदर्श मानती हैं। वह अक्सर झूलन गोस्वामी की तरह इनस्विंगर का अभ्यास करती हैं। क्रिकेट खेलना शुरू करने के बाज टिटास आउटस्विंगर थीं और उन्होंने मेरे और कोच प्रियंकर मुखर्जी अंडर में इनस्विंगर में सुधार किया। वह हमेशा सीनियर स्तर पर भारत के लिए खेलने का सपना देखती थीं और चीन में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए स्वर्ण पदक जीतने से उन्हें प्रेरणा मिलेगी। यह पूरे परिवार के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट के लिए भी बहुत बड़ी बात है और वह इस पल को संजोकर रखेंगी।”

तितास ने क्रिकेट का रुख कैसे किया

कोलकाता से 40 किलोमीटर उत्तर स्थित चिनसुराह का साधु परिवार शहर में एक स्टेडियम और अकादमी का मालिक है। तितास साधु ने ट्रैक और फील्ड से शुरुआत की और बाद में फुटबॉल की ओर रुख किया। युवा खिलाड़ी ने अपने पिता के एथलेटिक्स कोच पिनाकी कर्माकर से ट्रेनिंग ली। राजेंद्र स्मृति संघ स्टेडियम में स्कोरर के तौर पर काम करने के दौरान उन्हें क्रिकेट से प्यार हो गया।

एथलेटिक्स से फुटबॉल और फिर क्रिकेट का रुख

तितास साधु के पिता ने बताया, ” मैं एक राज्य स्तरीय एथलीट था और तितास मेरे कोच के अंडर ट्रेनिंग लेती थी। कम उम्र में एथलेटिक्स का रुख करने के कारण उनका ध्यान स्टेमिना के साथ-साथ स्ट्रेंथ पर भी केंद्रित हो गया। स्टेडियम में, मैन्युअल स्कोर शीट मैनेज करने से उन्हें स्थानीय मैचों को दिलचस्पी से देखना शुरू किया इससे उन्हें फील्डिंग पोजिशन के साथ-साथ मैच को लेकर जानकारी में भी मदद मिली। उन्होंने अकादमी में मेरे पिता अहिन्द्र कुमार साधु के साथ फुटबॉल भी खेला और इससे उन्हें टीम गेम की जरूरतों को समझने में भी मदद मिली। एक बार हम छुट्टी पर थे। मैंने एक फुटबॉल और टेनिस बॉल ली और फुटबॉल खेलने के बाद मैंने उन्हें दूर से गोल पोस्ट पर निशाना साधते हुए टेनिस बॉल से गेंदबाजी करने के लिए कहा। उन्होंने यह काम आसानी से किया और तभी मैंने उन्हें एक तेज गेंदबाज के रूप तैयार करने का फैसला किया।”

अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन

बंगाल की तेज गेंदबाज को 2019-20 सीजन में बंगाल अंडर-19 संभावितों में चुना गया था। तितास साधु अगले साल कप्तान रुमेली धर के नेतृत्व में बंगाल की सीनियर टीम में शामिल हो गईं। उन्होंने कोच शिब शंकर पाल की देखरेख में नेट्स में गेंदबाजी की। पिछले साल, साधु ने बीसीसीआई सीनियर महिला टी20 ट्रॉफी में बंगाल टी20 महिला टीम के लिए पांच मैचों में सात विकेट लिए थे। इससे पहले उन्हें इस साल आईसीसी अंडर-19 महिला विश्व कप के लिए भारतीय अंडर-19 टीम में चुना गया था। अंडर-19 विश्व कप में उन्होंने कुछ 6 विकेट लिए थे। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में 2 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द मैच रही थीं।

झूलन गोस्वामी के नेतृत्व में समय बिताने से मदद मिली

तितास साधु के पिता ने आगे बताया, ” मैं हमेशा से चाहता था कि वह एक तेज गेंदबाज बने। एक तेज गेंदबाज को जो कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, उसके बारे में उन्होंने कभी शिकायत नहीं की और अपने करियर की शुरुआत में झूलन गोस्वामी के नेतृत्व में समय बिताने से उन्हें एक विश्व स्तरीय गेंदबाज को करीब से सीखने में मदद मिली। हमने उनकी रिस्ट पोजिशन पर भी काम किया और इससे उन्हें पिच के साथ-साथ बल्लेबाज के दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिली। वह उस लेंथ को समझती हैं जहां से गेंद स्टंप पर लगेगी। वह अक्सर पुरुष तेज गेंदबाजों के एक ग्रुप के साथ अभ्यास करती हैं और एशियन गेम्स से पहले इससे उन्हें काफी मदद मिली।”

झूलन दी खुश होंगी

कोच प्रियंकर मुखर्जी इस बात से खुश हैं कि तितास, झूलन की जगह भरने के संकेत दे रही हैं। उन्होंने कहा, ” फाइनल का प्रदर्शन उन्हें भारतीय सीनियर टीम में अपनी जगह पक्की करने में मदद करेगा। उनकी झूलन दी (गोस्वामी) भी उन्हें सीनियर टीम में जगह बनाते हुए देखकर खुश होंगी।”