22 गज की पिच पर जब खिलाड़ी खेलने आते हैं तो पूरी दुनिया में बैठे दर्शकों में रोमांच पैदा हो जाता है। स्टेडियम में बैठे लोगों का शोर, मैच का प्रेशर और जीतने की उम्मीद। इन सबके बीच एक खिलाड़ी पर कितना दबाव होता है, यह आप और हम नहीं समझ सकते। लेकिन तब भी खिलाड़ी खेलते हैं और मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोते और टीम को जीत दिलाकर दर्शकों को जश्न मनाने का मौका देते हैं। लेकिन क्रिकेट इतिहास में कई खिलाड़ी एेसे भी हुए हैं, जिन्हें गंभीर बीमारियां थीं। मगर उन्होंने न को हौसला खोया और न हार मानी। बल्कि बीमारी से लड़े भी और क्रिकेट में शानदार मुकाम हासिल किया।
वसीम अकरम: वनडे क्रिकेट में 500 विकेट ले चुके वसीम अकरम डायबिटीज से पीड़ित थे। जब उनमें इस बीमारी के लक्षण जैसे वजन घटना, प्यास लगना और थकान होना दिखने लगे तो उनके पिता ने उन्हें डॉक्टर के पास जाने को कहा। टेस्ट हुआ तो उन्हें टाइप 1 का डायबिटीज था। उस वक्त अकरम की उम्र 31 साल थी और वह अपने करियर के चरम पर थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इस बीमारी से लड़ने की ठानी। इसके बाद उन्होंने 250 विकेट और झटके। सितंबर 2009 में उनका नाम हॉल अॉफ हेम में शामिल हुआ था।
माइकल क्लार्क: अॉस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क अपनी जवानी में कमर की परेशानी से जूझते रहे। इसके अलावा उन्हें साल 2005 में उन्हें अत्याधिक सूरज में रहने के कारण स्किन कैंसर की परेशानी भी थी। इस कारण वह हमेशा अपनी जर्सी के नीचे प्रोटेक्शन रखते थे। बड़ी टोपी ने उन्हें रिकवरी करने में काफी मदद पहुंचाई।
ब्रायन लारा: 2002 में कोलंबो में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान हर कोई उस वक्त हैरान रह गया जब लारा हेपेटाइटिस बी के शिकार हो गए। पूल गेम में सेंचुरी बनाने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इस बीमारी की पुष्टि की। इसके बाद उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया। साथ ही वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने लारा की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
मंसूर अली खान पटौदी: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान के पिता जिंदगी भर एक आंख से खेलते रहे। एक कार एक्सीडेंट में उनकी एक आंख चली गई थी। इसके बावजूद उन्हें सिर्फ 21 साल की उम्र में टीम इंडिया का कप्तान बनाया गया था। उन्होंने 40 मैचों में टीम की कप्तानी की, जिसमें 9 में भारत को जीत मिली। अपने करियर में उन्होंने 6 शतक और 16 अर्धशतक जड़े थे।
शोएब अख्तर: क्रिकेट जगत में शोएब अख्तर के बॉलिंग एक्शन पर सबसे ज्यादा बातें हुईं। उन्हें अगर एक मेडिकल सेंसेशन माना जाता है, क्योंकि उनकी कोहनी किसी आम इंसान से ज्यादा बड़ी थी। उनकी कोहली 40 डिग्री तक मुड़ सकती है, जबकि एक औसत इंसान की कोहनी 20 डिग्री तक मुड़ी हुई मानी जाती है। यह सिर्फ कोहनी ही नहीं उनके हर जॉइंट के लिए था। करियर में उन्हें काफी चोटों से गुजरना पड़ा और उनके जॉइंट्स में इंजेक्शन लगाकर फ्लूड निकाला जाता था। अख्तर के पांव सीधे हैं, जिस कारण वह 5 साल की उम्र में भी सीधे नहीं चल पाते थे।
