ऑनलाइन गेमिंग कानून आने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) दिक्कत में आ गई है। 12 साल में छठी बार भारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर बदलने वाला है। मेन इन ब्लू को अगले महीने संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले एशिया कप के दौरान बिना स्पॉन्सर के खेलना पड़ सकता है। इस कानून के लागू होने के बाद ड्रीम11 जैसे ऑनलाइन फैंटेसी स्पोर्ट्स और गैम्बलिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लग गया है। ड्रीम 11 तीन साल के लिए 2023 में भारतीय टीम का मुख्य प्रायोजक बना था।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अभी तक भारत के सबसे बड़े फैंटेसी स्पोर्ट्स गेमिंग प्लेटफॉर्म के साथ अपने जुड़ाव के भविष्य के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। हालांकि,सचिव देवजीत सैकिया ने शुक्रवार (23 अगस्त) को कहा कि बीसीसीआई कानून का पालन करेगा। उन्होंने कहा, “अगर इसे मंजूरी नहीं है तो हम कुछ नहीं करेंगे। बीसीसीआई केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई देश की हर नीति का पालन करेगा।”
सहारा (2001 से 2013)
ड्रीम11 अब टीम इंडिया के उन प्रमुख प्रायोजकों की सूची में शामिल हो गया है,जो वित्तीय या कानूनी संकट से जूझ रहे हैं। सहारा का लोगो 2001 से 2013 तक भारतीय टीम की जर्सी पर छपा रहा था। इसके बाद समूह पर नियामक उल्लंघन के लिए सेबी ने शिकंजा कसा।
स्टार इंडिया (2014 से 2017)
2014 से 2017 तक स्टार इंडिया प्रायोजक रहा। वॉल्ट डिज्नी के स्वामित्व वाले स्टार को बाजार में अपने प्रभुत्व के दुरुपयोग के लिए जांच का सामना करना पड़ा। इसके कारण प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission) ने जांच शुरू कर दी। कभी प्रमुख प्रसारक रहा यह चैनल कमजोर पड़ गया है। अब हॉटस्टार का जियो के साथ विलय हो गया।
ओप्पो (2017 से 2020)
2017 में भारतीय टीम का स्पॉन्सर ओप्पो बना। लेकिन कम रिटर्न के कारण समय से पहले करार खत्म हो गया। वह 2020 तक भारतीय टीम की जर्सी पर दिखा।
बायजू (2020-2022)
बायजू ने 2020 में भारतीय टीम के जर्सी प्रायोजन अधिकार अपने हाथ में ले लिए, लेकिन भारतीय क्रिकेट के साथ उसका जुड़ाव कड़वे मोड़ पर समाप्त हुआ। बीसीसीआई ने भुगतान में चूक को लेकर एडटेक फर्म को अदालत में घसीटा। वह 2022 तक भारतीय टीम की जर्सी पर दिखा।
ड्रीम11 (2023)
2023 में भारतीय टीम का जर्सी प्रायोजक बना ड्रीम11 अब अधर में है। बीसीसीआई के साथ उसने 358 करोड़ रुपये का करार किया था। टी20 वर्ल्ड कप 2026 तक उसका बीसीसीआई से करार था।