भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल से विवाद को लेकर नया खुलासा किया है। गांगुली का कहना है कि इस पूरे मामले में राहुल द्रविड का कोई हाथ नहीं था। ये वाकया सन् 2005 का है, जिस वक्त उपकप्तान राहुल द्रविड को सौरव गांगुली के स्थान पर कप्तानी सौंपी गई थी। इस मामले पर इंडिया टीवी के कार्यक्रम में गांगुली ने इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में कहा, “मुझे नहीं लगता कि द्रविड़ का इसमें कोई रोल रहा होगा। जब कोच कुछ कहता है तो कई बार कप्तान को सुनना पड़ता है। मेरी कुछ दफा राहुल से बात हुई थी और उन्होंने कहा है कि तुम वापस आ जाओगे। लेकिन यह स्पष्ट था कि कोच मेरे खिलाफ थे।”
गांगुली ने कहा आगे, ‘मुझे खुद पर बेहद भरोसा था। जब आप जानते हैं कि हर मैच करो या मरो जैसा है, तब आप अलग लेवल पर जाकर संघर्ष करते हैं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसी परिस्थिति से सामना करने का अनुभव था। लेकिन किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए यह आसान नहीं होता क्योंकि लोग आपको दिमागी तौर तक तोड़ देते हैं।
बता दें कि गांगुली अपनी किताब ‘ए सेंचुरी इज नॉट इनफ’ में लिख चुके हैं कि चैपल को कोच बनाना उनके करियर की सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने इसे लेकर कहा था कि- “इससे अचानक से अकारण ही न केवल मेरी कप्तानी चली गई, बल्कि मुझे एक खिलाड़ी के तौर पर भी जगह नहीं दी गई। मैं यह लिखते हुए भी गुस्सा महसूस करता हूं। जो कुछ हुआ था, वह अकल्पनीय, अस्वीकार्य, अक्षम्य है।”
311 वनडे खेल चुके गांगुली ने 41.02 की औसत से 11363 रन बनाए हैं। इसमें उनके 22 शतक और 72 अर्धशतक भी शामिल हैं। सर्वाधिक निजी स्कोर 183 का है। सौरव वनडे में 190 छक्के मार चुके हैं। वहीं 113 टेस्ट मैचों में दादा के नाम 7212 रन हैं, जिसमें सर्वाधिक 239 है। उन्होंने टेस्ट में 16 शतक और 35 अर्धशतक जड़े हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 21 टेस्ट जीते हैं।