टाटा ग्रुप (Tata Group) की होल्डिंग कंपनी टाटा संस (Tata Sons), फंतासी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम 11 और ई-लर्निंग स्टार्ट-अप प्रतिद्वंद्वियों बायजू (Byju’s) और अनअकैडमी (Unacademy) ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन के टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स के लिए बोली लगाने में रुचि दिखाई है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बोली लगाने के लिए 10 अगस्त से ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ मांगे थे। इसकी समय सीमा शुक्रवार शाम यानी 14 अगस्त को समाप्त हो गई। अत्यधिक अटकलों के बावजूद दूरसंचार की प्रमुख कंपनी जियो (Jio), रामदेव की उपभोक्ता वस्तुओं की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद और तकनीकी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) इस दौड़ में शामिल नहीं हुए। टाटा, पहले से ही आईपीएल का एक आधिकारिक पार्टनर है।

टाटा को आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स हासिल करने की रेस में फ्रंट रनर के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि बीसीसीआई को कोरोना महामारी के बीच 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि भी जुटानी है। इस बार ऑफिशियल पार्टनर के भी तीन स्लॉट खाली हैं। इस स्लॉट को बीसीसीआई 3 से पांच करना चाहता है।

बीसीसीआई दो और ऑफिशियल पार्टनर को लाने की तैयारी में है। बीसीसीआई की कोशिश है कि चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो इंडिया के हटने के बाद से हुए नुकसान की 75% तक वह भरपाई कर ले। वीवो से बीसीसीआई को हर साल 440 करोड़ रुपए मिलते थे।

इसके अलावा टाइटल स्पॉन्सरशिप की रेस में एक प्रमुख खिलाड़ी ड्रीम 11 और टीम इंडिया की जर्सी की प्रायोजक बायजू भी शामिल हैं। ई-लर्निंग क्षेत्र में बायजू की प्रत्यक्ष प्रतिद्वंद्वियों में से एक अनअकैडमी (Unacademy) ने फिनटेक कंपनी क्रेड के साथ टूर्नामेंट का ऑफिशियल पार्टनर बनने के लिए बीसीसीआई के साथ बातचीत शुरू कर दी है।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने पूरे घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों के हवाले से लिखा है, यदि बायजू टाइटल स्पॉन्सरशिप राइट्स की रेस में हार जाता है तब भी अनअकैडमी ऑफिशियल पार्टनर्स की दौड़ में बना रहेगा। सूत्र ने बताया, दोनों के बीच एक अलग प्रतिद्वंद्विता चल रही है। यदि बायजू ने टाइटल स्पॉन्सरशिप हासिल कर ली, तब अनअकैडमी को ओपी स्पेस से बाहर जाना होगा।