वेंकट कृष्णा बी। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए मंगलवार (30 अप्रैल) को चयनकर्ताओं ने भारत की 15 सदस्यीय टीम और 4 ट्रैवलिंग रिजर्व की घोषणा की तो कुछ नामों ने चौंका दिया। लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का नाम इसमें सबसे ऊपर है। वह अब चार स्पिनर्स में से एक हैं। 4 स्पिनर्स चुनने से रिंकू सिंह को 15 में जगह नहीं मिली। उन्हें रिजर्व में धकेल दिया गया। भारतीय टीम के चयन के दौरान एक स्पॉट के लिए 3 खिलाड़ियों में लड़ाई थी। ये खिलाड़ी थे रिंकू सिंह, वॉशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल। अक्षर ने बाजी मार ली। वॉशिंगटन को तैयार न करने का सवाल भी उठा
रिंकू सिंह क्यों नहीं चुने गए
रिंकू ने पिछले साल आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्हें भारत की टी20 टीम में भी चुना गया। उन्होंने बतौर फिनिशर शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने शुरुआती विकेट गिरने की स्थिति में दबाव भी झेला। काउंटर अटैक भी किया। उन्होंने यह सब किया है। वह तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को समान रूप से अच्छा खेलते हैं। वह बगैर वक्त लिए तुरंत शॉट खेलने में भी माहिर हैं। यह सबकुछ देखते हुए उन्हें टीम में चुना जाना चाहिए था, लेकिन भारतीय टीम ऑलराउंडर्स चाहती थी। ऐसे में एक जगह के लिए रिंकू सिंह, अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर के बीच तीन-तरफा प्रतिस्पर्धा थी। अंत में वे अक्षर को ऑलराउंड प्रतिभा और फॉर्म के कारण चुना गया।
फिनिशर की भूमिका कौन निभाएगा
यह देखना बाकी है कि विश्व कप में फिनिशर की भूमिका कौन निभाएगा क्योंकि हार्दिक पंड्या, रविंद्र जडेजा वर्तमान में संघर्ष कर रहे हैं। संजू सैमसन या ऋषभ पंत में से किसी एक विकेटकीपर को यह करना होगा। एक सवाल यह भी है कि जब रविंद्र जडेजा पहले से ही टीम का हिस्सा हैं, तो क्या अक्षर को चुनना क्यों जरूरी था। दोनों का खेल एक जैसा ही है। एक साथ प्लेइंग 11 में होने की संभावना बहुत कम है।
चार स्पिनर क्यों?
यह एक ऐसी गुगली थी, जिसकी बहुतों को उम्मीद नहीं थी। चहल को रवि बिश्नोई पर तरजीह देना चौंकाने वाला फैसला रहा। बिश्नोई पांच महीने पहले नंबर 1 रैंक वाले टी20 गेंदबाज थे और वर्तमान में छठे स्थान पर हैं। लेकिन यह फैसला फॉर्म को ध्यान में रखकर लिया गया। चहल,आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों में से हैं। पिछले टी20 विश्व कप में, जहां सभी टीमों ने एक लेग स्पिनर खिलाया था, चहल ने हर मैच में बेंच पर बैठे रहे। अमेरिका और कैरेबियाई सरजमीं पर उनके लिए क्या होगा, इसकी भविष्यवाणी करना कठिन है क्योंकि कुलदीप यादव रेस में आगे हैं। बल्लेबाजी में कितनी गहराई की जरूरत पड़ी तो जडेजा और अक्षर दोनों को प्लेइंग 11 में जगह मिलेगी। इसका मतलब यह होगा कि, गेंद के साथ आक्रामक होने के बजाय वे जडेजा और अक्षर दोनों को चुनकर रक्षात्मक रणनीति अपनाएंगे। आईपीएल में बल्लेबाज बनाम बल्लेबाज मुकाबला देखा जा रहा है और भारत को विश्व कप में भी ऐसी ही उम्मीद है।
क्या कोई आश्चर्यजनक चयन था?
विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, 15 में ऑफ स्पिनर नहीं होने के कारण वॉशिंगटन सुंदर को भी शामिल करने पर चर्चा हुई। हालांकि, उनको चुने जाने को मिली जुली प्रतिक्रिया थी क्योंकि उन्होंने इस सीजन में केवल दो आईपीएल मैच खेले हैं। इसके अलावा, यह भी सवाल उठाए गए कि उन्हें इस भूमिका के लिए तैयार क्यों नहीं किया गया, खासकर इसलिए क्योंकि वह पावरप्ले ओवरों में गेंदबाजी भी कर सकते हैं। इसके बजाय, सर्वसम्मति से अक्षर का चयन हुआ।