T20 World Cup 2022: टी20 क्रिकेट में स्लो ओवर रेट किसी भी टीम को भारी पड़ सकती है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इस साल की शुरुआत में नियम लागू किया था कि तय समय पर पारी खत्म न होने पर गेंदबाजी कर रही टीम को बचे हुए ओवर में एक अधिक फील्डर को इनफील्ड में रखना होगा। ऐसा एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच लीग मैच में देखने को मिला था। दोनों टीमों ने स्लो ओवर रेट से गेंदबाजी की थी, लेकिन पाकिस्तान की टीम पर यह काफी महंगा पड़ गया था।
प्लेइंग 11 से बाहर खिलाड़ियों को बनाया बॉल ब्यॉय
टी20 वर्ल्ड कप में इसके खामियाजा से बचने के लिए मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने एक नया जुगाड़ निकाला है। कंगारू टीम प्लेइंग 11 में नहीं शामिल खिलाड़ियों को बॉल ब्यॉय की तरह इस्तेमाल कर रही है। ये खिलाड़ी बाउंड्री लगने के बाद गेंद को मैदान के अंदर फेंक देते हैं। इससे समय की बचत होती है, खासकर तब जब पावरप्ले चलता है। डेविड वॉर्नर को भी इस भूमिका में देखा गया।
पावरप्ले में समय गंवाते हैं
ऑस्ट्रेलिया की रणनीति के बारे में बताते हुए, ऑलराउंडर एश्टन एगर ने एक वीडियो में कहा, “पावरप्ले में गेंद काफी बाहर जाती है और आप समय गंवाते हैं क्योंकि खिलाड़ियों को गेंद लाना पड़ता है। इसलिए समय को मैनेज करना मुश्किल है। तो मुझे लगता है कि बेंच पर बैठे खिलाड़ियों को बाउंड्री के बाहर तैनात करने से कम से कम 10 सेकंड की बचत होगी। मुझे लगता है कि पावरप्ले में ऐसा करना सामान्य बात है।”
वनडे क्रिकेट में लागू हुआ नियम
टी20 क्रिकेट में स्लो ओवर रेट पेनल्टी का इस्तेमाल पहली बार 16 जनवरी 2022 को वेस्टइंडीज और आयरलैंड के बीच टी20 मैच में किया गया था। आईसीसी के नियमों के अनुसार, “आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.22 के अनुसार स्लो ओवर रेट पर खिलाड़ियों पर उनकी मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाता है।” 1 अक्टूबर से वनडे क्रिकेट में भी तय समय पर पारी न खत्म होने पर इनफील्ड में 30 यार्ड सर्कल में एक खिलाड़ी अधिक रखने का नियम लागू हो गया है।