इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 के दौरान सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाज टी नटराजन चर्चा में हैं। वजह है उनकी यार्कर गेंदें। बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज को टीम इंडिया के यार्कर किंग जसप्रीत बुमराह का कड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा है। वह इस सीजन अब तक 7 मैचों में 27 सटीक यार्कर फेंक चुके हैं, जबकि बुमराह 17 बार ही ऐसा कर पाए हैं। हालांकि, बहुत कम लोगों को पता होगा कि आईपीएल 2020 का यह यार्कर किंग एक असफल क्रिकेटर की खोज है। उनके यार्कर किंग बनने की कहानी रजनीकांत की किसी ब्लाकबस्टर फिल्म की तरह है।
29 साल का यह तेज गेंदबाज काफी गरीबी और परेशानियों का सामना कर IPL के मंच तक पहुंचा है। नटराजन काफी गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। तमिलनाडु के सलेम जिला से 35 किमी दूर गांव चिन्नापामपट्टी के रहने वाले नटराजन के आईपीएल में पहुंचने की कहानी नौ साल पहले शुरू हुई। सलेम में एक जिला स्तर के क्रिकेटर जयप्रकाश की नजर उन पर पड़ी। जयप्रकाश बतौर क्रिकेटर खुद ज्यादा सफल नहीं थे, लेकिन उन्होंने नटराजन की प्रतिभा को पहचाना और क्रिकेट में ही करियर बनाने की सलाह दी। उनके प्रयास से ही नटराजन की एंट्री तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन की एक लीग में हुई। उसके बाद बेहद नाटकीय ढंग से नटराजन का चयन तमिलनाडु क्रिकेट टीम में हुआ। बाद में नटराजन को तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) में खेलने का मौका मिला।
नटराजन 2016 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग में डिंडीगुल ड्रैगंस और एलबर्ट टुटी पैट्रियॉट्स के बीच हुए मैच में सुपर ओवर के दौरान 6 की 6 गेंद यॉर्कर फेंककर सुर्खियों में आए। इसके बाद 2017 की आईपीएल नीलामी में किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें 3 करोड़ रुपए में खरीदा। करोड़पति बनने के बाद नटराजन ने अपने मिट्टी के घर को बंगले में बदला। साथ ही स्थानीय बच्चों के लिए क्रिकेट अकादमी शुरू की और अपने मेंटर की तरह साथियों को खेल नहीं छोड़ने के लिए प्रेरित किया।
नटराजन आईपीएल 2017 में अपने खेल से खास प्रभावित नहीं कर पाए। उन्होंने उस सीजन 6 मैच खेले, जहां उन्होंने 9.07 इकॉनमी से रन लुटाए। इस कारण अगली नीलामी में उनकी कीमत काफी कम हो गई। लेकिन टीएनपीएल का हिस्सा रह चुके पूर्व दिग्गज और सनराइजर्स हैदराबाद के गेंदबाजी कोच मुथैया मुरलीधरन ने उन पर भरोसा दिखाया। साल 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद ने उन्हें 40 लाख रुपए में खरीदा और उसके बाद से वह अब तक टीम का हिस्सा बने हुए हैं।
बता दें कि नटराजन के स्टार बनने से पहले उनके पिता थंगारासू कुली और जुलाहे का काम करते थे। उनकी मां सड़क किनारे मांस बेचती थीं। नटराजन के दिल में अपने मेंटर जपप्रकाश के प्रति बहुत सम्मान है। यही वजह रही कि इस सीजन दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में उन्होंने जयप्रकाश का शुक्रिया अदा करने के लिए ‘जेपी नट्टू’ नाम की जर्सी पहनी थी।