दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में युवा पहलावन की हत्या केस में सुशील कुमार गिरफ्तार हो चुके हैं। सुशील मामले के बाद 18 दिनों तक फरार रहे। दिल्ली पुलिस ने ऊपर एक लाख रुपए का इनाम रखा था। सुशील की तस्वीर पहले तिरंगे के साथ आती थी। लेकिन इस बार जब तस्वीर आई तो उनका मुंह ढका हुआ था। आसपास पुलिस वाले थे। हाथों में मेडल की जगह हथकड़ी थी। मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आ रही है कि सुशील ने अपने ही साथी मर्डर का वीडियो शूट करवाया था।

मारपीट की रात को सुशील को यह पता नहीं था सागर की हालत कितनी खराब है। वे अपने घर पर आराम से सो रहे थे। सागर की मौत 6 मई को हो जाती है। दोपहर को सुशील को इसके बारे में पता चलता है। इसके बाद उन्होंने अपने मददगारों को मदद के लिए फोन किया था। पिटाई के दौरान सुशील के साथी प्रिंस ने झगड़े का वीडियो बनाया था। इसके लिए प्रिंस को सुशील ने ही कहा था। वीडियो में सुशील भी पिटाई करते हुए कैमरे में कैद हो गए। सुशील और उनके साथियों की मंशा सिर्फ पिटाई करने और धमकी देने की थी।

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वीडियो ही सुशील के लिए गले की फांस बन गई। वीडियो को बनाने का मकसद ये था कि दूसरे गैंग के पहलवानों को यह दिखाना था कि जो सुशील या उनके साथी से उलझेगा तो उसका यही हाल होगा। लेकिन मामला उल्टा हो गया। सुशील 6 मई को दिल्ली छोड़कर सीधे उत्तराखंड पहुंच जाता है। वहां हरिद्वार में एक बाबा हैं जिनकी पहुंच सरकार में है। लेकिन बाबा ने मदद करने से इनकार कर दिया था। वहां से वे ऋषिकेश जाते हैं। फिर दिल्ली आ जाते हैं। इसके बाद हरियाणा के बहादुरगढ़, फिर चंढीगढ़ और वहां से पंजाब के बठिंडा चले जाते हैं।

सुशील कुमार डोंगल के जरिए साथियों के संपर्क में था। इस दौरान उसके वकील ने अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। इसे अदालत ने खारिज कर दिया था। सु्शील का प्लान था जब तक अग्रिम जमानत नहीं मिलती है तब तक भागना है। उसे समझाया गया कि जब तक भागोगे मुश्किलें बढ़ेंगी। सुशील ने फिर सरेंडर का प्लान बनाया। पुलिस के पकड़ने से पहले कोर्ट में सरेंडर करने की योजना बनी थी। इत्तेफाक से सरेंडर की ये खबर लीक हो गई। रविवार को दिल्ली के हरिनगर इलाके में सुशील पहुंचता है। वहां से हरियाणा लौटने के दौरान मुंडका में सुशील गिरफ्तार हो गया।