भारतीय गेंदबाज शांताकुमारन श्रीसंत सात साल बाद फिर से क्रिकेट के मैदान पर वापसी को पूरी तरह से तैयार हैं। यदि वह अपनी फिटनेस साबित कर पाए तो रणजी ट्रॉफी में गृह राज्य केरल के लिए खेल भी सकते हैं। संभवत: उसके बाद उनकी जिंदगी पटरी पर लौट पाए। हालांकि, एक समय ऐसा भी था जब वह अपनी जिंदगी से पूरी तरह से निराश हो गए थे और बार-बार उनके मन में आत्महत्या का ख्याल आता था। यह तब की बात है, जब अगस्त 2013 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) उन पर तथाकथित आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में बैन लगा दिया था।

श्रींसत को 2015 में दिल्ली हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। उन्होंने बताया कि वह अपनी जिंदगी में मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। उनके दिमाग में आत्महत्या तक का विचार आया था। श्रीसंत ने डेक्कन हेराल्ड से बातचीत में कहा, यह ऐसी चीज है जिससे मैं 2013 में लगातार लड़ रहा था। यह सोच मेरे साथ बनी रहती थी, लेकिन मेरे परिवार ने मुझे संभाले रखा। मुझे परिवार के साथ ही रहना था। मुझे पता है कि उन्हें मेरी जरूरत है।

श्रीसंत ने कहा कि वह अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के काफी अच्छे दोस्त थे। सुशांत ने 14 जून को आत्महत्या की थी। उन्होंने कहा, इसीलिए, सुशांत की मौत ने मुझे बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। वह मेरे अच्छे दोस्त भी थे। मैं भी ऐसी ही कगार पर था, लेकिन मैं लौट आया। मुझे पता था कि इससे उन लोगों को कितना दुख होगा, जो मुझे प्यार करते हैं। मैं एक किताब लिख रहा हूं जो एक-दो महीनों में आ जाएगी। इसमें मैंने इस बारे में लिखा है। साथ ही लिखा है कि आप कैसे अकेले नहीं हैं। अगर आप अकेले भी हैं तो बुरी बात नहीं है, क्योंकि कई अच्छी चीजें अकेले में ही होती हैं।

37 साल के इस गेंदबाज ने कहा, अकेलापन कई बार आपको अपने अंदर की कई सारी चीजों से अवगत करा देता है। यह बड़ी बात है, क्योंकि कई बार लोग इस बात को समझ ही नहीं पाते कि वह क्या हैं। मैं इस बारे में बात करना नहीं चाहता, लेकिन ऐसा भी समय था जब मैं अपने बिल नहीं दे पा रहा था। मुझे नहीं पता था कि मेरा अगला भोजन कहां से आएगा। यही कारण हैं कि मैं उन सभी शो का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मुझे मौका दिया और मुझ पर विश्वास किया।

बता दें कि श्रीसंत मशहूर रिएलिटी शो बिग बॉस के 12वें सीजन में भी हिस्सा ले चुके हैं। बिग बॉस के दौरान कई मौकों पर श्रीसंत को इमोशनल तौर पर टूटते हुए देखा गया था। श्रीसंत शो में रनरअप रहे थे।