भारत के पूर्व इरफान पठान ने अपना आखिरी मैच 2012 में खेला था। वे उस समय 27 साल के थे। पठान को श्रीलंका के खिलाफ वनडे और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 में खेलने का मौका था। इसके बाद उन्हें टीम इंडिया में शामिल नहीं किया गया। पठान को इस बात का मलाल आज भी है कि उन्हें मौका नहीं दिया गया। उन्होंने पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना से इंस्टाग्राम पर लाइव चैट के दौरान अपना दर्द बताया। पठान ने कहा कि उन्हें बीसीसीआई के कुछ पदाधिकारियों ने 30 साल की उम्र में ही बूढ़ा मान लिया था।

पठान ने 2003 में पाकिस्तान दौरे पर बांग्लादेश के खिलाफ एक ही मैच में 9 विकेट लिए थे। उस मुकाबले में उन्होंने दो हैट्रिक लिए थे। रैना ने बातचीत के दौरान उस मैच को याद किया। दोनों खिलाड़ियों ने कहा कि उस दौरे पर कई टैलेंटेड खिलाड़ी थे, लेकिन दुर्भाग्य से वे ज्यादा नहीं खेल पाए थे। पठान की पारियों और उनके योगदान को याद करते हुए रैना का भी दर्द छलका उठा। उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी लगता है कि चीजें और ज्यादा सही होनी चाहिए। हमलोगों ने दिल, दिमाग और अपना जमीर सबकुछ इस खेल को दिया है। बहुत जरूरी है कि उस चीज को समझा जाए दिमाग से।’’

इस पर पठान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि तुम्हें ज्यादा मौके देना चाहिए था। तुम्हारे होने से टीम को एक बेहतरीन ऑप्शन मिलता है, जो बाएं हाथ का है और पारी को संभाल सकता है।’’ इस पर रैना ने कहा, ‘‘जिस तरह से अंबाती रायुडू ने प्रदर्शन किया, उसके बाद भी उसे बाहर कर दिया गया। यहां तक कि उसे बताया भी नहीं गया। मैं चाहता हूं कि बीसीसीआई को आईसीसी या फ्रैंचाइजी के साथ कुछ योजना बनानी चाहिए जो भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने के लिए अनुमति दे। कम से कम हमें दो अलग-अलग विदेशी लीगों में खेलने की अनुमति मिलनी चाहिए।’’


पठान ने कहा, ‘‘बोर्ड को कम से कम उन खिलाड़ियों को विदेशी टी20 लीग में खेलने की अनुमति देनी चाहिए जो अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए रडार पर नहीं हैं और कम से कम 30 साल के हैं। ऑस्ट्रेलिया में खिलाड़ी 30 साल की उम्र में डेब्यू करते हैं। मुझे 30 साल की उम्र में बूढ़ा बना दिया गया। मुझे याद है कि जब मैं वड़ौदा में था तो बोर्ड के एक पदाधिकारी आए और एसोसिएशन से कहा कि ये हमारे टॉप-30 में नहीं है तो इसे क्यों चुन रहे हैं।’’