महान क्रिकेटर और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने अपने 72वें जन्मदिन बहुत ही खास आशीर्वाद मांगा है। उन्होंने जो आशीर्वाद मांगा है उसका उनके डेब्यू मैच से भी खास रिश्ता है। सुनील गावस्कर ने मार्च 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। गावस्कर ने अपने प्रण को उस मैच की एक घटना से भी जोड़ा।

सुनील गावस्कर का जन्मजात हृदय रोग के साथ पैदा हुए बच्चों के लिए स्वस्थ जीवन का दूसरा मौका मिलने से बड़ा कोई और आशीर्वाद नहीं हो सकता है। उन्होंने शनिवार को अपने 72वें जन्मदिन पर छोटे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने का प्रण किया। गावस्कर का ‘हार्ट टू हार्ट’ फाउंडेशन पिछले कुछ वर्षों से श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पतालों के साथ इससे जुड़ा काम कर रहा है। इसके जरिये ‘99 प्रतिशत की सफलता दर’ के साथ लगभग 16,000 बच्चों की मुफ्त सर्जरी की गईं हैं।

गावस्कर ने अपने जन्मदिन पर पीटीआई से कहा, ‘‘हार्ट टू हार्ट फाउंडेशन’ की स्थापना कुछ साल पहले जन्मजात हृदय विकार (सीएचडी) के साथ पैदा हुए बच्चों के बारे में जागरुकता पैदा करने और बिना किसी खर्च के उनका इलाज कराने में मदद करने के लिए धन जुटाने के मकसद से की गई थी।’

सीएचडी पीड़ित बच्चों की मदद के लिए फाउंडेशन बनाने का विचार कहां से आया, इस बारे में पूछे जाने पर ‘लिटिल मास्टर’ ने कहा, ‘भारत में तीन लाख से अधिक बच्चे सीएचडी के साथ पैदा होते हैं। उनमें से लगभग एक तिहाई अपना अगला जन्मदिन देखने के लिए जीवित नहीं रहते हैं।’

इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘फाउंडेशन श्री सत्य साईं संजीवनी के तीन अस्पतालों के साथ सहयोग कर रहा है। इसमें एक नया रायपुर, छत्तीसगढ़ में है। दूसरा हरियाणा के पलवल और तीसरा नई मुंबई के खारघर में है। इन अस्पतालों में बच्चे और माता-पिता की सर्जरी और ‘कैथ इंटरवेंशन’ को पूरी तरह से मुफ्त में किया जाता हैं।’

उन्होंने कहा, ‘ये अस्पताल फिलहाल एक महीने में लगभग 400 सर्जरी करते हैं। हमने ‘मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर’ कार्यक्रम के तहत, अब तक लगभग 95000 माताओं और उनके बच्चों की मदद की है।’ उन्होंने अपने क्रिकेट के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि जिंदगी के लिए दूसरा मौका मिलना कितना जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘एक सफल सर्जरी के बाद बच्चा सामान्य स्वस्थ जीवन जीने लगता है। यह उनके लिए दूसरा जीवन है। मुझे अपने क्रिकेट करियर में भी ‘एक जीवनदान मिला था।’ उन्होंने बताया, मेरे पदार्पण मैच में सर गारफील्ड सोबर्स से मेरा एक आसान कैच छूट गया था। उस समय मैं 12 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था। उसके बाद मैंने उस मैच में अर्धशतक लगाया और फिर मुझे भारत के लिए 17 साल तक खेलने का मौका मिला।’

उन्होंने कहा, ‘मेरे जन्मदिन पर मेरी इच्छा है कि अधिक से अधिक लोग इसमें मदद करें और बच्चों के जीवन को बचाने में शामिल हों। लोग चाहे तो ऑनलाइन तरीके से श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इन अस्पतालों में, ‘केवल दिल है, कोई बिल (खर्च) नहीं है।’’