लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर ने भारतीय टीम को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर चेताया है। 19 सितंबर से शुरू हो रही बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले दलीप ट्रॉफी के आयोजन को सुनील गावस्कर ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI)का स्मार्ट मूव बताया है। अगले साढ़े 4 महीने में भारतीय टीम 10 टेस्ट खेलेगी। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल को लेकर गावस्कर ने कहा है कि भारत को कम से कम 5 मैच जीतने होंगे और यह आसान नहीं होगा।

सुनील गावस्कर ने मिड-डे में अपने कॉलम में लिखा है कि भारतीय टीम गेंदबाजों को दलीप ट्रॉफी में खेलना चाहिए था, क्योंकि सेकंड स्ट्रिंग गेंदबाजों के खिलाफ यह पता लगाना काफी मुश्किल है कि कौन कितना अच्छा बल्लेबाज है? चयनकर्ताओं को यह पता नहीं चलेगा कि कौन कितना बेहतर बल्लेबाज है। ध्यान रहे कि दलीप ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा नहीं खेले। सिराज और जडेजा को बाद में टीम से रिलीज किया गया। वहीं अश्विन और बुमराह को चुना नहीं गया था। मोहम्मद शमी चोटिल चल रहे हैं।

दलीप ट्रॉफी का आयोजन बेहतरीन कदम

सुनील गावस्कर ने लिखा, “बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज शुरू होने से ठीक पहले दलीप ट्रॉफी का आयोजन बीसीसीआई द्वारा उठाया गया सबसे बढ़िया कदम है। बेहतरीन खिलाड़ियों के लिए भी इंटरनेशनल कंपटीशन में बगैर तैयारी के जाना कभी भी आसान नहीं होता, फिर चाहे विरोधी टीम कैसी भी हो। पाकिस्तान में खेले गए दोनों टेस्ट मैचों में पाकिस्तान को हराकर बांग्लादेश की टीम ने दिखा दिया है कि वे क्या कर सकते हैं। कुछ साल पहले भी जब भारत ने बांग्लादेश का दौरा किया था, तो बांग्लादेशियों ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। “

बांग्लादेश को हल्के में नहीं ले सकते

सुनील गावस्कर ने लिखा, “अब पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद वे भारत से भी भिड़ने के लिए तैयार हैं। उनके पास कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं और कुछ नए होनहार खिलाड़ी हैं, जो अब विरोधी टीम से पहले जैसा खौफ नहीं खाते,जैसा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके शुरुआती दौर में दिखता था। अब उनके खिलाफ खेलने वाली हर टीम जानती है कि वे चीजों के हल्के में नहीं ले सकतीं , नहीं तो पाकिस्तान जैसी हालत हो सकती है। यह निश्चित रूप से एक ऐसी सीरीज होगी जिसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।”

10 में से 5 टेस्ट जीतना जरूरी

सुनील गावस्कर ने कहा, “भारत को अगले साढ़े चार महीनों में 10 टेस्ट मैच खेलने हैं और उन्हें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालिफाई करने के लिए कम से कम पांच मैच जीतने होंगे। इनमें से कोई भी टेस्ट आसान नहीं होगा और इसलिए हमें रोमांचक क्रिकेट देखने को मिल सकता है। दलीप ट्रॉफी एक ऐसा टूर्नामेंट था, जो चयनकर्ताओं को खिलाड़ियों के बारे में बहुत सारी जानकारी देता था और खिलाड़ियों को भी पता था कि अगर वे मैचों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो भारत के लिए चुने जाने की उनकी संभावना बढ़ जाएगी।

जोनल टीमों के बीच मैच भी बहुत कठिन होते थे

सुनील गावस्कर ने कहा, ” उन दिनों, भारतीय क्रिकेट जोन पर आधारित था और इसलिए पांच टीमें जोनल टीमें थीं और प्रत्येक जोन में अलग-अलग राज्य टीमों के बीच स्वाभाविक प्रतिद्वंद्विता के साथ, जोनल टीमों के बीच मैच भी बहुत कठिन होते थे और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी खेलते थे। इससे चयनकर्ताओं को प्रतिभा के बारे में अच्छा अंदाजा मिलता था। अब, रणजी ट्रॉफी में एलीट और प्लेट टीमें शामिल हैं, इसलिए दलीप टीमें जोन में प्रदर्शन के आधार पर नहीं हैं। चयनकर्ताओं ने टीमें चुनी हैं और उन्हें इंडिया ए, बी, सी, डी नाम दिया है और हर टीम में खिलाड़ी अलग-अलग टीमों से हैं, किसी खास जोन से नहीं।”

भारतीय टीम के गेंदबाजों के नहीं खेलने से नुकसान

सुनील गावस्कर ने कहा, “इस बार भारत के सभी गेंदबाजों को आराम दिए जाने से यह देखना आसान नहीं होगा कि कौन सा बल्लेबाज अच्छा है क्योंकि वे मूल रूप से दूसरे दर्जे के गेंदबाजों के खिलाफ खेले। इसलिए, जबकि मैच आने वाले सीजन के लिए अच्छे होंगे, चयनकर्ताओं को यह पता नहीं चल पाएगा कि बल्लेबाज वास्तव में कैसे है।”