भारतीय फुटबाल में ‘गोल मशीन’ के नाम से मशहूर सुनील छेत्री के दो गोल की मदद से टीम ने रविवार को थाईलैंड को 4-1 से हराकर 1964 के बाद एएफसी एशियाई कप में पहली जीत दर्ज की। इन दो गोल की मदद से 34 साल के छेत्री अर्जेंटीना के सुपरस्टार लियोनल मेस्सी को पछाड़ने में सफल रहे जिनके 128 मैचों में 65 अंतरराष्ट्रीय गोल हैं। पुर्तगाल के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो 154 मैचों में 85 गोल से सर्वाधिक गोल करने वाले फुटबालर हैं।

अपने चौथे एशियाई कप में भाग ले रही भारतीय टीम की यह 11 मैचों में तीसरी जीत थी। देश ने इस्राइल में हुए 1964 चरण में दो मैच जीते थे और एक गंवाया था, जिसमें महज चार देशों ने शिरकत की थी। इसके बाद टीम को 1984 में तीन मैचों में हार मिली थी जबकि एक मैच ड्रा रहा था। वहीं 2011 में टीम ग्रुप के सभी तीनों मैचों में हार गयी थी। इस ऐतिहासिक जीत के बाद छेत्री की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

 

कोई भी गोल करे, जश्न का तरीका एक ही रहेगाः भारत के करिश्माई स्ट्राइकर सुनील छेत्री ने इस ऐतिहासिक जीत और अपने खास उपलब्धि के बारे में कहा कि उनके लिये यह रिकार्ड मायने नहीं रखता। उन्होंने मैच के बाद कहा, ‘‘रिकार्ड मायने नहीं रखते, गोल कौन करता है यह मायने नहीं रखता। जो भी गोल करता है, जश्न मनाने का तरीका समान होता है। मैं खुश हूं कि हमने इस मैच से तीन अंक हासिल किये। ’’ चौंतीस साल के खिलाड़ी का दूसरा गोल विश्व स्तरीय गोल था, उन्होंने कहा, ‘‘दस साल के बाद ही मैं अपने गोल के बारे में सोच सकता हूं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हमें सिर्फ मैचों पर ध्यान लगाये रखने की जरूरत है। गोल आते रहें, इसी की जरूरत है, यह मायने नहीं रखता कि गोल कौन करता है।

छेत्री ने कहा, ‘‘जब भी कोई गोल करता है, आप जश्न और खुशी देख सकते हो। मैं लड़कों के लिये बहुत खुश हूं। हर खिलाड़ी दौड़ता रहा और बेहतरीन डिफेंस दिखाया। ’’ उन्होंने आगामी मुकाबलों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘‘जब हमने सोचना शुरू किया तो यह कठिन पूल है, हमें लगा कि सभी अन्य टीमें हमसे ज्यादा अनुभवी और बेहतर हैं। लेकिन जिस तरह से खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया, बेहतरीन जज्बा दिखाया, वो शानदार रहा। मैं पहले भी कह चुका हूं कि हमारे खिलाफ खेलना बहुत मुश्किल है। ’’ छेत्री ने कहा, ‘‘हम भले ही इतनी ज्यादा तकनीक वाली टीम नहीं हों लेकिन हम अंत तक जूझते हैं और लड़कों ने यही दिखाया। ’’