श्रीलंका ने वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले दो मैच जीतकर सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल की। शनिवार को सीरीज के आखिरी मैच में वेस्टइंडीज ने अपनी प्लेइंग इलेवन में तीन बदलाव किए। कैरिबियाई टीम ने अपने अंडर 19 वर्ल्ड कप के स्टार ज्वेल एंड्रयू को डेब्यू का मौका दिया।
एंड्रयू ने 17 साल की उम्र में किया डेब्यू
एंड्रू वेस्टइंडीज के लिए वनडे में डेब्यू करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं। एंड्रयू ने 17 साल 324 दिन की उम्र में डेब्यू किया है। बीते 70 साल वह पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 17 साल की उम्र में वेस्टइंडीज के लिए डेब्यू किया। इससे पहले गैरी सोबर्स ने 17 साल में वेस्टइंडीज के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था।
ज्वेल एंड्रयू की मां का सपना
ज्वेल एंड्रयू को क्रिकेटर बनाने का सपना उनकी मां वेरोनिका हिल का था। महज चार साल की उम्र में वह अपने बेटे को क्रिकेट क्लब ले गई। एंड्रयू ने वहां केवल एक थ्रो किया जिसके बाद क्लब के कोच ने उन्हें अगले दिन से ट्रेनिंग में आने को कहा। इस फैसले के पीछे भी अहम वजह थी। हिल के मुताबिक वह जिस इलाके में रहती थी वहां का माहौल अच्छा नहीं था और वह अपने बच्चों को उससे दूर रखना चाहती थी। यही कारण है कि उन्होंने बेटों को क्रिकेट क्लब में डालने का फैसला किया।
हिल ने बस्ते बेचकर बेटों को बनाया क्रिकेटर
हिल ने बताया कि वह कॉर्टनी वाल्श और कर्टली एंबरोज की फैन थी। हालांकि उन्हें हमेशा लगता था कि टीम की बल्लेबाजी नहीं थी। आज उनके दोनों ही बेटे क्रिकेटर हैं। हिल बस्ते बेचकर अपना घर चलाती थी। उनके पास इतना पैसा नहीं था कि दोनों बेटों के क्रिकेट खेलने का खर्चा उठा सके। हिल कभी अपने दोस्तों से उधार लेती थी। कभी लोग खुद पैसे दान करते थे। क्लब की ओर से भी हिल की काफी मदद की गई। वह दोनों बच्चों को क्रिकेट बैट से लेकर बाकी चीजे देते थे।
इएसपीएन क्रिकइंफो की खबर के मुताबिक एंड्रयू बहुत जल्दी सफलता हासिल करने लगे। उन्होंने स्कूल लीग में लगातार पांच शतक लगाए। वह ल्यूयॉर्ड आईलैंड की अंडर 15 टीम के कप्तान बने। उन्हें अंडर 19 वर्ल्ड कप के लिए चुना गया। वहां एंड्रयू ने पहले ही मैच में शत जमाया।