cricketer S Sreesanth spot fixing life time ban: भारतीय क्रिकेट टीम में कई साल तक अपनी गेंदबाजी से विपक्षी टीम के बल्लेबाजों के पसीने छुड़ाने वाले एस श्रीसंत को मंगलवार यानी 20 अगस्त 2019 को बड़ी राहत मिली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के लोकपाल डीके जैन ने उन पर लगा लाइफ टाइम बैन हटा लिया। जैन ने उन पर सिर्फ 7 साल का बैन लगाने का आदेश दिया, जो 2020 में खत्म हो जाएगा। इसके बाद वे अपने क्रिकेट करियर को फिर से शुरू कर सकते हैं।
श्रीसंत अपनी पुरानी फॉर्म में लौट पाते हैं या नहीं एक बड़ा विषय है, लेकिन एक समय था जब बड़े- बड़े धुरंधर बल्लेबाज भी श्रीसंत से खौफ खाते थे, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मैथ्यू हेडन से लेकर रिकी पोंटिंग तक का विकेट श्रीसंत ने कई बार अपनी गेंदबाजी के दौरान हासिल करने का काम किया। भारतीय टीम को साल 2007 के टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल मैच में मिस्बाह उल हक का कैच लेकर श्रीसंत ने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
वैसे श्रीसंत के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने का सफर कतई आसान नहीं था। इस सीजन ‘बिग बॉस’ शो के दौरान श्रीसंत ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कई खुलासे किए। उन्होंने बताया कि एक वक्त ऐसा भी था जब उनके पास कमरे का किराया भरने के लिए भी पैसे नहीं होते थे। श्रीसंत के मुताबिक फरवरी 2004 से लेकर सितंबर 2005 तक का समय उनके लिए बेहद कष्टदायक था। साल 2004 में केरल की रणजी टीम में उनका चयन नहीं हुआ और उनके पास गुजारा करने के लिए पैसा नहीं था। ऐसे में भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल ने उनकी मदद की थी।
श्रीसंत ने बताया कि मुनाफ पटेल ने ना सिर्फ आर्थिक बल्कि गेंदबाजी में भी उनकी मदद की। श्रीसंत हिम्मत हार चुके थे और ऐसे में मुनाफ ने उनका हौसला बढ़ाने का काम किया। इसके बाद से उनके खेल में सुधार आता चला गया और उन्हें कई मैचों में खेलने का मौका मिला। इसके बाद अक्टूबर 2005 में वह पहली बार श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया में सेलेक्ट किए गए। इसी साल के अंत तक श्रीसंत के पास खुद के 25 लाख जमा हो गए थे।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 15 मार्च को श्रीसंत पर बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति द्वारा आजीवन प्रतिबंध लगाने के आदेश को निरस्त कर दिया था। समिति ने 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में कथित भूमिका के लिए श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।