टेनिस स्टार एंड्रिया जैगर किशोरी के रूप में विम्बलडन फाइनल में पहुंचीं थीं, लेकिन जीवन भर नन के रूप में सुर्खियों में रहीं। साल 1979 में महज 14 साल की उम्र में पेशेवर टेनिस खिलाड़ी बनने वाली अमेरिका की रहने वाली एंड्रिया जैगर तेजी से रैंकिंग में ऊपर चढ़ती गईं। उन्होंने अपने युग की कुछ महान खिलाड़ियों को हराया भी। शिकागो में 4 जून 1965 में जन्मीं एंड्रिया जैगर ने 1981 में फ्रेंच ओपन में मिक्स्ड डबल्स का खिताब भी जीता।

Andrea Jaeger: जानबूझकर गंवाया था विम्बलडन का खिताब!

इसके एक साल बाद वह रोलां गैरों में अपने पहले वुमन्स सिंगल्स ग्रैंड स्लैम फाइनल में पहुंचीं। जैगर के करियर का शायद सबसे बड़ा क्षण तब आया जब उन्होंने 1983 में अपने दूसरे ग्रैंड स्लैम फाइनल यानी विम्बलडन में जगह बनाई। वह तब महज 18 साल की थीं। हालांकि, वह फाइनल में मार्टिना नवरातिलोवा से 6-1, 6-1 से हार गईं। बाद में एंड्रिया जैगर ने खुलासा किया कि वह जानबूझकर मैच हारी थीं।

Andrea Jaeger: कंधे की चोट की बात कहकर लिया था संन्यास

यह सब एक साल बाद अचानक रुक गया जब कंधे की चोट की बात कहकर उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया। उस समय एंड्रिया जैगर की उम्र करीब 20 साल थी। विलक्षण प्रतिभा की धनी एंड्रिया जैगर ने करीब 40 साल बाद खुलासा किया कि यौन उत्पीड़न और धमकियों के चलते उन्हें संन्यास लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। संन्यास के बाद उन्होंने ऐसे ही पीड़ितों लोगों की सेवा करने का फैसला किया।

Andrea Jaeger: वुमन्स टेनिस एसोसिएशन (WTA) का शख्स करता था यौन उत्पीड़न

जैगर ने खुलासा किया कि कैसे वुमन्स टेनिस एसोसिएशन (Women’s Tennis Association) का एक पूर्व सदस्य लॉकर रूम (Locker Room) में उनका लगातार यौन उत्पीड़न करता था। एक बार उन पर किसी ने हमला भी किया। उन्हें बिना बताए शराब भी पिलाई गई। संन्यास लेने के बाद जैगर को लगा कि वह अपना बचपन खो चुकी हैं। उन्होंने तुरंत अपना ध्यान उन बच्चों की मदद करने की ओर लगाया जो ऐसी यातना से गुजरे थे।

Andrea Jaeger: शारीरिक शोषण पीड़ितों पर खर्च कर दी जीती गई 10 करोड़ रुपए पुरस्कार राशि

एंड्रिया जैगर ने अस्पताल में नौकरी की और शारीरिक शोषण के पीड़ितों की मदद करने संबंधी पढ़ाई की। यही नहीं, उन्होंने इस तरह के लिए लोगों की सेवा के लिए अपनी एक मिलियन पौंड (करीब 10 करोड़ रुपए) की पुरस्कार राशि से खरीदी कार, ज्वेलरी और घड़ियां भी बेच दीं। उन्होंने कैंसर रोगियों के लिए खुद का फाउंडेशन बनाया। साल 2008 में उन्हें ऑर्डर ऑफ डोमिनिकन नन्स नियुक्त किया गया।

एपिस्कोपेलियन चर्च में शामिल होने के अपने फैसले के बारे में बताते हुए एंड्रिया जैगर ने डेली मेल को बताया कि उन्होंने 2 साल पहले प्रशिक्षण और धर्मशास्त्र सेवा में एसोसिएट डिग्री हासिल की थी। उन्होंने बताया, ‘मेरे माता-पिता चर्च नहीं गए थे। हमारे घर में बाइबल तक नहीं थी, लेकिन जो भी कारण रहा हो, मुझे लगता है कि भगवान ने मुझे विश्वास का उपहार दिया है।’

एंड्रिय जैगर ने बताया, ‘जब मैं छोटी थी तो मैं हमेशा प्रार्थना करती थी। मुझे किसी ने नहीं बताया। मैंने स्कूल में या टीवी से नहीं सीखा। मैं बस इतना जानती थी कि ईश्वर का अस्तित्व है और हम सखा हैं और हमारे बीच एक निजी रिश्ता है। मेरे परिवार में से कोई भी नहीं जानता था कि मैं हर दिन प्रार्थना करती थी।’

Andrea Jaeger: चारों ग्रैंड स्लैम में तय कर चुकी हैं सेमीफाइनल तक का सफर

एंड्रिया जैगर ने अपने करियर में फ्रेंच ओपन, विम्बलडन में वुमन्स सिंगल्स का फाइनल खेला। दो बार यूएस ओपन के सेमीफाइल में पहुंचीं और ऑस्ट्रेलियन ओपन में एक बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। उन्होंने 1981 में फ्रेंच ओपन के मिक्स्ड डबल्स की ट्रॉफी अपने नाम की।