भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी की आचार संहिता का पालन करने से लगातार इनकार करना और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) को भारतीय क्रिकेटरों का डोप टेस्ट लेने की मंजूरी देने का असर घरेलू क्रिकेट सीजन पर पड़ सकता है। मुंबई मिरर में छपी खबर के मुताबिक, खेल मंत्रालय ने विदेशी टीमों की वीजा प्रक्रिया के लिए जरूरी पत्र जारी करने से इनकार कर दिया है। इससे दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम का अगले महीने होने वाला भारत दौरा खटाई में पड़ सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका की पुरुष, महिला और ए टीमों को अगले महीने भारत का दौरा करना है, लेकिन उनके खिलाड़ियों की वीजा प्रक्रिया अब तक लंबित है, क्योंकि युवा और खेल मामलों के मंत्रालय ने संबंधित दूतावास को अब तक बुलावा पत्र नहीं भेजा है। दक्षिण अफ्रीका ए और भारत ए के बीच 29 अगस्त से सीरीज होनी है। दक्षिण अफ्रीका ए टीम को 27 अगस्त को भारत पहुंचना है।
यही नहीं, नवंबर में बांग्लादेश और दिसंबर में वेस्टइंडीज को भारत का दौरा करना है। बीसीसीआई ने इन दोनों टीमों को बुलावा पत्र जारी करने के लिए भी खेल मंत्रालय से अनुरोध कर चुका है। पाकिस्तान को छोड़कर कोई भी द्विपक्षीय सीरीज की मेजबानी के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है। हालांकि, टीम के सदस्यों को वीजा जारी करने पहले संबंधित दूतावास खेल मंत्रालय से बुलावा पत्र मांगता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नई दिल्ली में बीसीसीआई के लिए नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने सोमवार को इस अड़चन को लेकर बैठक की। बैठक में मामले को हल करने के लिए खेल मंत्रालय के साथ बातचीत करने का फैसला किया गया है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि खेल मंत्रालय और बीसीसीआई डोपिंग रोधी कार्यक्रम पर एकमत नहीं हैं। खेल मंत्रालय चाहता है कि बीसीसीआई नाडा को खिलाड़ियों के सैंपल इकट्ठा करने की मंजूरी दे।
बीसीसीआई खिलाड़ियों के सैंपल अपने बनाए सिस्टम के जरिए इकट्ठा करता है। वह इस मामले में एंटी-डोपिंग एजेंसी के दखल का विरोध भी करता है। हाल ही में, बीसीसीआई ने संकेत दिए थे कि वह नाडा को ट्रायल के तौर पर 6 महीने के लिए टेस्ट क्रिकेटरों के सैंपल लेने की मंजूरी दे सकता है, लेकिन खेल मंत्रालय का कहना है कि इसका स्वीकार्य समाधान पूरी तरह से पालन ही है।