दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट इतिहास की सबसे अनलकी टीम है। उसके नाम आईसीसी टूर्नामेंट में कई क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल हारने का रिकॉर्ड दर्ज है। क्रिकेट के इतिहास में मैदान पर कुछ बहुत ही मुश्किल पल रहे हैं। उनमें से 28 साल पहले दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेट मैदानों में से एक सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर हुई एक घटना है। एक ऐसा सेमीफाइनल जिसे दक्षिण अफ्रीकी टीम कभी याद नहीं करना चाहेगी।

दरअसल, आज ही एक दिन यानी 22 मार्च को 1992 में वर्ल्ड कप का दूसरा सेमीफाइनल खेला गया था। इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीम। अफ्रीकी टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। उसने इंग्लैंड को 252 रन पर रोक दिया। ग्रीम हिक ने 83 रन की पारी खेली। दक्षिण अफ्रीका के लिए एलन डोनाल्ड और प्रिंगल ने 2-2 विकेट लिए। इंग्लैंड को कम स्कोर पर आउट कर दक्षिण अफ्रीकी टीम फाइनल खेलने का सपना देखने लगी।
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उसने बल्लेबाजी भी बेहतरीन की। ओपनर एंड्रयू ह्यूडसन ने 46 रन का योगदान दिया। एड्रियन कूपियर 36 रन बनाकर आउट हुए। हैंसी क्रोनिए ने 24 और जॉटी रोड्स ने 43 रनों की पारी खेली। जीत के लिए 13 गेंद पर उसे 22 रन बनाने थे। तभी बारिश शुरू हो गई। मैच को रोक दिया गया। बारिश खत्म होने के बाद मैच शुरू होने की घोषणा हुई। स्कोरकार्ड देखकर सभी चकित रह गए। डकवर्थ लुईस नियम से अफ्रीकी टीम को जीत के लिए 1 गेंद पर 22 रन बनाने का लक्ष्य मिला।

दक्षिण अफ्रीका को इंग्लैंड की पारी के दौरान स्लो ओवर रेट का खामियाजा भुगतना पड़ा। वह 1 गेंद पर असंभव लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका। अफ्रीकी टीम का फाइनल खेलने का सपना टूट गया। इंग्लैंड की टीम फाइनल में पहुंच गई। हालांकि, वह पहली बार चैंपियन नहीं बन सकी थी। मेलबर्न में खेले गए फाइनल में पाकिस्तान ने उसे 22 रन से हरा दिया। इंग्लैंड का फाइनल जीतने का सपना पिछले साल पूरा हुआ। जब उसने न्यूजीलैंड को हराया।