सख्त क्वारंटीन प्रोटोकॉल के कारण ब्रिस्बेन की यात्रा करने की भारत की अनिच्छा की खबरों के बीच, ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन ने कहा है कि दोनों टीमों को शिकायत करना बंद करना चाहिए। उन्होंने अपने देश के कोरोना प्रोटोकॉल का बचाव किया है। मीडिया रिपोर्ट्स में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया के कोरोना प्रोटोकॉल को भेदभाव वाला बताया था।
टीम इंडिया की दलील है कि जब स्टेडियम में दर्शकों को आने की मंजूरी दी गई है तो फिर कोरोना निगेटिव होने के बावजूद भी उनके लिए होटल क्वांरटीन का नियम क्यों है? ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय खिलाड़ी ब्रिस्बेन में फिर से पृथकवास (क्वारंटीन) पर रहने की संभावना से खुश नहीं है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर वे पहले ही 14 दिन पृथकवास पर रह चुके हैं। लियोन ने कहा कि वह इस बात से वाकिफ हैं कि दोनों टीमों के कुछ खिलाड़ी लगभग छह महीनों से जैव सुरक्षित वातावरण में हैं लेकिन उन्होंने वर्तमान परिस्थितियों में इसे ‘छोटा सा बलिदान’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘जहां तक पृथकवास पर रहने की बात है तो मैं जानता हूं कि दोनों टीमों के कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो लगभग पिछले छह महीनों से जैव सुरक्षित माहौल में रह रहे हैं, लेकिन मेरी नजर में यह बहुत छोटा सा बलिदान है।’ लियोन ने सोमवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘जिसे हम प्यार करते हैं उस खेल को खेलने के लिए और दुनिया भर के बहुत से लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के हिसाब से यह बहुत छोटा सा बलिदान है।’
लियोन ने कहा, ‘मेरी नजर में हमें इसमें खुश होने की कोशिश करना है। वहां से बाहर निकलो और इसके साथ आओ और अपने देश के लिए खेलें। साथ ही सुनिश्चित करें कि हम वास्तव में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेल रहे हैं … आइए हम इसमें खुश रहने की कोशिश करें। इसके साथ चले और शिकायत करना बंद करें।’
लियोन ने कहा, ‘हमारी ब्रिस्बेन जाने और पूर्व कार्यक्रम के अनुसार खेलने की योजना है।’ ऑस्ट्रेलिया का ब्रिस्बेन में अच्छा रिकार्ड रहा है जबकि भारत ने अब तक गाबा में कोई टेस्ट मैच नहीं जीता है। लियोन ने कहा, ‘सभी जानते हैं कि हमें गाबा में खेलना कितना पसंद है और हम जानते हैं कि वहां का रिकार्ड हमारे अनुकूल है। इसलिए गाबा में खेलने की पूरी योजना है। यह पक्का है।’